उत्तराखंड सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हुए हरिद्वार जिले में बड़ी कार्रवाई की जिससे पूरी ब्यूरोक्रेसी हिल गई है। बता दे कि सीएम धीमे के निर्देश पर हरिद्वार डीएम समेत एक अन्य आईएएस और पीसीएस अधिकारी पर गाज गिरी। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया ह। सीएम धामी कि कार्रवाई से एक ओर जहां लोग सरकार की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं दूसरी और विपक्ष सरकार पर एक बार फिर से हमलावर हो गया है.
वहीऔ अगर बात करें हरिद्वार डीएम की तो वह हमेशा से अपने शांत स्वभाव और सरल व्यवहार के लिए जाने जाते हैं लेकिन फील्ड की पहली ही पोस्टिंग में उनके जीवन पर दाग लग गया।
हरिद्वार जिले के जिला अधिकारी पद पर तैनात कर्मेंद्र सिंह। इस पूरे घोटाले के सामने आने के बाद आईएएस कर्मेंद्र सिंह का यही कहना है कि उन्हें इस पूरे मामले की कोई जानकारी नहीं थी कि संबंधित अधिकारी ने इस तरह की फाइल पर उनसे साइन करवा लिए.
आईएएस कर्मेंद्र सिंह हरिद्वार में पहली बार किसी फील्ड पोस्टिंग पर तैनात हुए थे. साल 2011 बैच के आईएएस अधिकारी इससे पहले लोक सेवा आयोग में सचिव रहे हैं. उससे पहले साल 2022 में अपर सचिव कार्मिक के पद पर तैनात रहे हैं. यह उनकी तीसरी पोस्टिंग थी. वह साल 2020 में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आए थे. कर्मेंद्र सिंह मूल रूप से यूपी के गोरखपुर से ताल्लुक रखते हैं.