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बड़ी खबर : देहरादून रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड आरोपी केपी सिंह की जेल में मौत

देहरादून: देहरादून फर्जी रजिस्ट्री मामले के मुख्य आरोपी वकील केपी सिंह की जेल में मौत हो गई है जिससे हड़कंप मच गया है। बता दे कि आरोपी के पी सिंह सहारनपुर जेल में बंद था और 08 सितंबर को दून पुलिस उसे बी-वारंट पर दून भी लाई थी। यहां उससे रजिस्ट्री फर्जीवाड़े पर तमाम साक्ष्य पुलिस ने बरामद किए थे और पूछताछ की थी।

देहरादून में कई ऐसी जमीनें है, जिसको लेकर फर्जीवाड़ा हुए हैं जिसमें केपी सिंह का नाम प्रमुखता से सामने आया है कई ऐसे मामले हैं जिनकी जांच की जा रही है और उनमें भी केपी सिंह का नाम सामने आ रहा है। केपी सिंह की मौत पर सहारनपुर जेल के अधिकारी अभी कुछ भी अधिक बोलने से बच रहे हैं लेकिन अचानक जेल में केपी सिंह की मौत के बाद कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरोपी वकील केपी सिंह की मौत की पुष्टि जेल प्रशासन ने गुरुवार सुबह की। उसकी मौत सीजर अटैक से होनी बताई जा रही है। जिला कारागार सहारनपुर के अपडेट के मुताबिक हाइपर टेंशन (अत्यधिक तनाव) के चलते यह अटैक आया है। यह एक तरह के मिर्गी के दौरे के समय पर भी होता है। हालांकि, मामला अभी भी संदिग्ध बताया जा रहा है। जेल प्रशासन के मुताबिक इस अटैक के बाद केपी को सहारनपुर के जिला चिकित्सालय एसबीडी ले जाया गया था। क्योंकि, वह दिमागी संतुलन भी खो चुका था। केपी सिंह की उम्र 51 वर्ष थी और वह ईदगाह कस्बा रोड सहारनपुर का रहने वाला था। उस पर सहारनपुर व देहरादून में विभिन्न धाराओं में तीन मुकदमे दर्ज थे।सहारनपुर के जिला जेल प्रशासन की ओर से जारी किया गया केपी सिंह की मौत की सूचना का विवरण।

केपी सिंह की मौत रजिस्ट्री फर्जीवाड़े की जांच के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। क्योंकि, अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के जितने भी प्रकरण सामने आए हैं, उसमें केपी सिंह और अधिवक्ता कमल विरमानी का ही अधिकतर नाम सामने आया है। खासकर केपी सिंह को रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के तमाम किरदारों और आरोपित अधिवक्ता विरमानी के बीच की अहम कड़ी बताया जाता रहा है। 08 सितंबर को जब दून पुलिस केपी सिंह को बी-वारंट पर सहारनपुर जेल से दून लेकर आई थी, तब सीजेएम लक्ष्मण सिंह की कोर्ट ने उसकी चार दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की थी। इस दौरान पुलिस ने उससे रजिस्ट्री फर्जीवाड़े को लेकर तमाम साक्ष्य एकत्रित किए थे।

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