देहरादून – पुरोला से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल अपने मंत्री के खिलाफ उनके आवास के बाहर धरने पर बैठ गये जिससे पार्टी की जमकर किरकिरी हुई। विपक्ष ने भी अनुशासन वाली पार्टी पर जमकर हमला किया। वहीं मामले का संज्ञान लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने विधायक को तलब किया और वन मंत्री से भी बातचीत की। महेंद्र भट्ट ने दुर्गेश्वर लाल को अनुशासन का पाठ पढ़ाया तो इसी के साथ वन मंत्री को भाषा गुस्से पर संयम रखने के भी निर्देश दिए। वही अब दुर्गेश्वर लाल के भी सुरूर बदल गए हैं।
महेंद्र भट्ट ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने वन मंत्री से भी बात की और कहा कि हर समय स्थिति एक जैसे नहीं होती। महेंद्र भट्ट ने कहा कि उन्होंने वन मंत्री से बात करते हुए कहा है कि गुस्से की भी सीमा होती है और गुस्से की भी मर्यादा होती है। महेंद्र भट्ट ने यह भी कहा कि उन्होंने दोनों को अनुशासन में रहकर ही काम करने की निर्देश दिए हैं।
वहीं अब प्रदेश अध्यक्ष के तलब करने के बाद और मुलाकात के बाद भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल के भी सुर बदल गए हैं। उन्होंने कहा है कि घर का झगड़ा घर में ही निपट गया है। अब उनकी वन मंत्री से कोई नाराजगी नहीं है । ऐसे में इससे साफ है कि कहीं ना कहीं विधायक को प्रदेश अध्यक्ष से जमकर फटकार लगी है और विधायक मीडिया के सामने कुछ और और मन में कुछ और लिए हैं।
वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट विधायक के वन मंत्री पर लगाए गए आरोप और धरना प्रदर्शन से साफ इनकार करते हुए कहा है कि विधायक ने मंत्री पर कोई आरोप नहीं लगाए हैं। बस अपनी बात रखी है।
ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर अगर विधायक ने मंत्री पर आरोप नहीं लगाए तो फिर मंत्री के आवास के बाहर विधायक ने धरना प्रदर्शन क्यों किया और आंसू छलकाते हुए वह क्यों नजर आए। प्रदेश अध्यक्ष और विधायक के बयान से साफ है कि अभी भी पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।