ऋषिकेश की कोतवाली पुलिस एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई है। बता दें कि ऋषिकेश कोतवाली में तैनात दारोगा ने अपनी जान की परवाह न करते हुए ड्यूटी से छुट्टी लेकर एक ऐसी महिला की जान बचाई जिसका गर्भपात हो गया था। गर्भवती महिला घूमने आई थी। वहीं उस महिला के लिए उपनिरीक्षक शिव प्रसाद डबराल मसीहा साबित हुए। खून की आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान कर दारोगा ने महिला की जान बचाई।
आपको बता दें कि 7 जुलाई की शाम कोतवाली ऋषिकेश में तैनात उपनिरीक्षक शिव प्रसाद डबराल को सूचना मिली कि एम्स हॉस्पिटल ऋषिकेश में दिल्ली निवासी एक 25 वर्षीय महिला पर्यटक अनुष्का जो की गर्भवती थी, का गर्भपात हो जाने के कारण जान पर खतरा बन गया है जिन्हें तत्काल 4 यूनिट 0 नेगेटिव ब्लड की आवश्यकता है। काफी कोशिश करने के बाद भी ब्लड की व्यवस्था नहीं हो पा रही है जिस समय सूचना मिली उस वक्त दारोगा शिव प्रसाद डबराल अपनी ड्यूटी पर थे। मरीज की नाजुक स्थिति की जानकारी होने पर उप निरीक्षक शिव प्रसाद डबराल के द्वारा उच्चाधिकारी गणों को सूचित कर अपनी ड्यूटी से कुछ समय का अवकाश लेकर रक्तदान के लिए एम्स हॉस्पिटल ऋषिकेश पहुंचे. एम्स हॉस्पिटल ऋषिकेश पहुंचने के बाद डॉक्टर्स के द्वारा चेक करने पर पाया कि शिव प्रसाद डबराल का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है लेकिन फिर भी दारोगा ने तीन चार बार पानी पीकर और लगभग 2 घंटे इंतजार करने के बाद जब ब्लड प्रेशर लेवल पर आ गया तो उक्त महिला के लिए रक्तदान किया गया. समय पर ब्लड की व्यवस्था हो जाने पर उक्त महिला पर्यटक अनुष्का को किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होने से बचाया गया. समय पर ब्लड की व्यवस्था हो जाने एवं उप निरीक्षक शिव प्रसाद डबराल जी के द्वारा अपनी ड्यूटी के साथ-साथ सामाजिक कर्तव्य का निर्वहन करने पर उक्त महिला मरीज के परिवार जनों द्वारा आभार व्यक्त किया गया एवं उत्तराखंड पुलिस की भूरी भूरी प्रशंसा की गई|