सही कहते है कि मन में कुछ करने की लगन हो तो आपको मंजिल पाने से कोई नही रोक सकता। ऐसा ही कुछ किया कांस्टेबल राम भजन ने।दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल राम भजन कुमार ने साइबर सेल थाने में कार्यरत रहते हुए 2022 की UPSC परीक्षा में 667वां रैंक हासिल की है. उन्होंने माता पिता को पाल ने के लिए मजदूरी भी की।
बता दे कि 34 साल के राम भजन राजस्थान में एक मजदूर के बेटे हैं. कई चुनोतियों को पार करते हुए आखिरकार 8वें प्रयास में उन्होंने परीक्षा में सफलता हासिल की। राम भजन के अधिकारी अब उन्हे सलाम करेंगे।
जानकारी मिली है कि अपने माता-पिता के साथ अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के लिए अपने स्कूल के समय में मजदूरी भी करते थे. राजस्थान के दौसा जिले के एक छोटे से गांव बापी के रहने वाले राम भजन ने न्यूज एजेंसी IANS से बात करते हुए कहा कि उनके माता-पिता मजदूरी कर रोजी-रोटी कमाते थे. उन्होंने कहा, मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक सरकारी स्कूल से प्राप्त की. मुझे 12वीं पास करने के बाद दिल्ली पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में चुना गया. अपनी सेवा के साथ-साथ मैंने अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई राजस्थान यूनिवर्सिटी से की. वर्ष 2012 में हिंदी में नेट/जेआरएफ प्राप्त किया
राम भजन ने अपने अधिकारियों से प्रेरित होकर 2015 में सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की. इसके लिए कोचिंग ली और सेल्फ स्टडी के जरिए तैयारी जारी रखी. साल 2018 में राम भजन ने पहली बार UPSC की मुख्य परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए. उसके बाद लगातार कड़ी मेहनत और लगन से आखिरकार मैंने 2022 में सिविल सेवा परीक्षा में 667वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की. परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस में चुनौतीपूर्ण कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने अनुशासन के साथ हर दिन 7-8 घंटे पढ़ाई की और अपनी पत्नी तथा मां की मदद से अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी पूरी की.