Video : ड्रिलिंग के लिए दिल्ली से मंगाई गई ऑगर मशीन, हवाई मार्ग के जरिए चिन्यालीसौड़ पहुंची, और कितनी देर?

उत्तरकाशी: सिलक्यारा-बड़कोट टनल में 40 मजदूरों को बचाने का अभियान लगातार जारी है, लेकिन अब तक सफलता हासिल नहीं हो पाई है। ड्रिलिंग के लिए दिल्ली से ऑगर मशीन मंगाई गई है। मशीन को हवाई मार्ग के जरिये मंगाया गया है। पहला एयरक्राफ्ट चिनियालीसौड पहुँच गया है।

राहत-बचाव कार्य में जुटी टीमों के अनुसार टनल के 40 मीटर के लिए शॉटक्रेटिंग के साथ खुदाई का कार्य प्रगति पर है। बाएं और दाएं दोनों तरफ शीर्ष से 10 मीटर ऊपर गुहा बन गई है। सुरंग के साथ चिमनी का निर्माण शुरू हो गया है।

अतिरिक्त शॉटक्रीट मशीन को RVNL पैकेज-III से कार्य स्थल पर स्थानांतरित किया गया है।  प्राधिकरण अभियंता के भू-तकनीकी विशेषज्ञ, टीम लीडर, आरपएनएल के भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ, निदेशक (ए एंड एफ), निदेशक (टी) और NHIDCL के कार्यकारी निदेशक (पी) और CGM, NHAI ने समय-समय पर ढहने वाली जगह का दौरा किया। रात भर और उसके बाद सभी विकल्प तलाशे गए और निम्नलिखित विकल्प कार्यान्वयन के अधीन है।

टनल के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए हाइड्रोलिक जैक की मदद से 900 मिमी व्यास वाले स्टील पाइप को धक्का देना। सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के पास पानी, भोजन, ऑक्सीजन, बिजली सभी उपलब्ध हैं। छोटे भोजन के पैकेट को भी एक पाइप के माध्यम से सुरंग के अंदर पंप किया गया है।

स्टील पाइपों को मलबे में धकेलने के लिए लगाई गई ड्रिलिंग मशीन का प्रदर्शन धीमा और अपेक्षा के अनुरूप नहीं पाया गया है। इसके बाद एक और उच्च शक्ति ड्रिलिंग मशीन को नई दिल्ली से नजदीकी वायु सेना बेस चिन्यालीसौड़ तक पहुंचाया जा रहा है।

साइट पर सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं और जल्द से जल्द हाई पावर मशीन स्थापित और संचालित की जाएगी। स्टील पाइप को सफलतापूर्वक पुश करने के लिए विशेषज्ञ पूरे प्रयास के साथ कार्य की प्रगति की निगरानी की जा रही है।

एयरफोर्स निदेशक, निदेशक (T), NHIDCL के कार्यकारी निदेशक और RVNL, राइट्स के विशेषज्ञ, प्राधिकरण के इंजीनियर, मेसर्स नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड बारीकी से निगरानी के लिए साइट पर मौजूद हैं। शीघ्र निकासी के लिए बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया जाएगा। सवाल है कि आखिर और कितनी देर मजदूरों को रेस्क्यू करने में लगेगी।

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