देहरादून : बिखरते परिवारों को समेटकर दून पुलिस एक करने का काम कर रही है। देहरादून पुलिस पारिवारिक मतभेदो को दूर कर पति-पत्नी के टूटते रिश्ते को बचाकर फिर विश्वास की कसौटी पर खरी उतरी है।
बता दें कि देहरादून एसएसपी के निर्देश पर पुलिस कार्यालय स्थित महिला हेल्पलाइन पारिवारिक मतभेदों को दूर कर पति-पत्नी के रिश्तो को टूटने से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इसी दौरान आज महिला हेल्पलाइन देहरादून में आये एक प्रकरण, जिसमे पति-पत्नी के बीच पारिवारिक सदस्य को लेकर हुए विवाद सामने आया था, जिसमें विवाहित जोडे़ की शादी को मात्र 2 साल हुए थे और पत्नी को अपने पति से केवल इस बात की श्किायत थी की उनके पति की विधवा बहन उनके साथ रहती है और परिजन उसे ज्यादा महत्व देते है।
इस मामले का सज्ञांन लेते हुए नोडल अधिकारी/क्षेत्राधिकारी प्रेमनगर द्वारा दोनों पक्षों की बाते सुनी गयी तथा उन्हें व्यक्तिगत रूप से समझाने का प्रयास करते हुए उन्हें पारिवारिक रिश्तों तथा जीवन पथ पर आगे बढने के लिये पति-पत्नी के मध्य आपसी सामंजस्य के महत्व को समझाते हुए एक साथ रहने के लियेे प्रेरित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप दोनो पक्षो द्वारा अपनी-अपनी गलती का एहसास करते हुए, भविष्य में एक साथ रहने का फैसला किया गया।
महिला हेल्पलाइन द्वारा महिलाओ से सम्बन्धित अथवा पारिवारिक विवादों से सम्बन्धित शिकायते प्राप्त होने पर दोनो पक्षो को बुलाकर बार-बार कांउसलिंग की जाती है तथा जिन प्रकरणों में पाया जाता है कि दोनो पक्षों में छोटी मोटी बातों से मतभेद उत्पन्न हुए हो, उनमें दोनो पक्षो को समझाकर सुलहनामा का प्रयास किया जाता है तथा ऐसे प्रकरण जिनमें ऐच्छिक ब्यूरो में रखने की आवश्यकता प्रतीत होती है उन प्रकरणों को एच्छिक ब्यूरो के माध्यम से निस्तारित किये जाते है।
महिला हेल्पलाइन देहरादून द्वारा विगत वर्ष 1501 मामलो में से 801 मामलों में काउंसलिंग के माध्यम से 1602 परिवारो के मध्य सुलहनामा कराकर उन्हें पुनः बसाया गया तथा इस वर्ष भी अब तक 42 मामलो में 84 परिवारो के मध्य सुलहनामा कर उन्हे जीवन पथ पर एक साथ आगे बढने हेतु प्रेरित किया गया।
महिला हेल्पलाइन में आये ऐसे सभी दंपतियों को, जो अपने मतभेदों को भुलाकर आपसी सहमति से एक दूसरे के साथ जीवन निर्वाह करने का फैसला कर रहे है, उन्हें एसएसपी देहरादून द्वारा शुरू की गई नई मुहिम के तहत उनके सुखद जीवन की शुभकामनाओं के साथ पुलिस द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया जा रहा है।