फर्जी वेबसाइट‌ से सावधान, उत्तराखण्ड STF ने पॉलिसी के नाम पर 37 लाख रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले 3 आरोपियों को बागपत और नोएडा से किया गिरफ्तार

देहरादून – उत्तराखण्ड एसटीएफ ने पॉलिसी के नाम पर 37 लाख रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 03 सदस्यों को बागपत एवं नोयडा से गिरफ्तार किया। साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस का दिल्ली पुलिस के साथ चले संयुक्त अभियान में 06 आरोपियों को बुरारी थाना दिल्ली में अभियोग पंजीकृत कर गिरफ्तार किया।

संयुक्त अभियान में भारत सरकार गृह मंत्रालय के I4C का दोनो पुलिस में समनवय स्थापित और संयुक्त ऑपरेशन में अहम योगदान  रहा।

मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी के विजन सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण” के अन्तर्गत और डीजीपी अभिनव कुमार के दिशा निर्देशन में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है।

एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुये बताया कि कुछ दिन पहले एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को मिला था जिसमें देहरादून निवासी शिकायतकर्ता को अज्ञात व्यक्ति द्वारा खुद को एसबीआई स्मार्ट वेेल्थ बिल्डर पॉलिसी के अधिकारी / कर्मचारी बताकर पॉलिसी खुलवाने व खुलवाकर उसको गलत बताकर ठीक कराने के नाम पर व पॉलिसी की यूनिट वैल्यू पर अनेक लाभ कमाने का लालच देकर अलग-अलग तिथियो मे विभिन्न खातों में कुल 36,99,084.36/-रुपये (छत्तीस लाख निन्यानवे हजार चौरासी रुपये व छत्तीस पैसे) जमा कराकर धोखाधडी करने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

मामले में अंकित पुत्र श्यामपाल सिह निवासी बमनौली जिला बागपत उत्तर प्रदेश उम्र 21 वर्ष को दोघाट बागपत उत्तर प्रदेश से पहले र 2- मिन्टू कुमार पुत्र कृष्ण पाल सिह निवासी बमनौली जिला बागपत उत्तर प्रदेश उम्र – 30 वर्ष, 3- गौतम कुमार पुत्र चन्द्रपाल सिह निवासी बमनौली जिला बागपत उत्तर प्रदेश – उम्र 26 वर्ष, को नोईडा उ0प्र0 से गिरफ्तार किया गया ।

गिरफ्तार आरोपी गौतम कुमार से की गई पूछताछ में आरोपी ने थाना बोराडी नई दिल्ली क्षेत्र में साइबर अपराध और धोखाधडी में संलिप्त एक कॉल सैन्टर की जानकारी दी। उत्तराखण्ड साइबर पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा और DCP रश्मि शर्मा यादव द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस व दिल्ली पुलिस के बीच समनवय स्थापित किये जाने एवं संयुक्त चैकिंग के लिए अनुरोध किया गया। इसके उपरान्त उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त ऑपरेशन के तहत उक्त कॉल सैन्टर में दबिश देदेकर6 आरोपियों गिरफ्तारी की गई तथा थाना बुरारी नई दिल्ली में मु0अ0सं0-167/2024 धारा-419/420/120बी भादवि व 66डी आईटी एक्ट पंजीकृत किया गया ।*

पकड़े गये कॉल सैन्टर में काम कर रहे आरोपियों द्वारा HDFC बैंक में फर्जी नौकरी दिलाने के लिए Naukri.com पर फर्जी विज्ञापन देकर लोगो से ठगी की जाती है। उक्त कॉल सैन्टर से पकड़े गये अभियुक्त मोहित कुमार ने बताया कि वह Naukri.com के कर्मचारी का रूपांन्तरण कर अपने नम्बरों को OLX प्लैटफार्म पर प्रेषित किया गया है । इस पूरी प्रक्रिया में *उत्तराखण्ड साइबर पुलिस ने I4C के CEO श्री राजेश कुमार एवं उनकी समस्त टीम को दिल्ली पुलिस के साथ समनवय स्थापित करने हेतु आभार प्रकट किया ।* दोनो ही प्रकरण में भारत में इन्श्योरैन्स फ्रॉड एवं फर्जी नौकरी देने के ऐसे दो संगठित गिरोहों को पकड़ कर देश के हज़ारों युवाओं को धोखाधड़ी से बचाया गया ।

 

*अपराध का तरीकाः-*

अभियुक्तगणों द्वारा पीड़ितों को कॉल कर स्वंय को SBI Smart Wealth Builder Policy के अधिकारी / कर्मचारी बताकर पालिसी खुलवाने व खुलवाकर उसको गलत बताकर ठीक कराने के नाम पर व पालिसी की यूनिट वैल्यू पर अनेक लाभ कमाने का लालच देकर षडयन्त्र के तहत धोखाधड़ी की जाती है तथा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते है । अभियुक्तगण द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम, आईडी कार्ड का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । अभियुक्त द्वारा विभिन्न मोबाईल हैण्डसेट, सिम कार्ड व फर्जी बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है। कुछ पीडितों से एक मोबाईल फोन, सिम कार्ड व बैंक खाते का प्रयोग कर धोखाधड़ी करने के बाद इनके द्वारा नये सिम, मोबाईल हैण्डसैट व बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है।

 

इसके अतिरिक्त इनके द्वारा फर्जी कॉल सैन्टर में सिमम कार्ड को बेचा भी जाता है जिससे कॉल सैन्टर के माध्यम से भारत में युवाओं को नौकरी के नाम पर एवं बैंक पॉलिसी / इन्श्योरैन्स के नाम पर धोखाधड़ी को कारित किया जाता है ।

 

*पूरी प्रक्रिया में, उत्तराखंड साइबर पुलिस टीम (एएसआई सुनील भट्ट, कां महेश उनियाल और कां सोहन बडोनी) ने न केवल 03 अपराधियों को पकड़ने के लिए असाधारण प्रयास किया, साथ ही एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय कर 06 अन्य की गिरफ्तारी मे विशेष योगदान दिया |*

 

 

 

*गिरफ्तार अभियुक्तः-*

1- अंकित पुत्र श्यामपाल सिह निवासी बमनौली जिला बागपत उत्तर प्रदेश उम्र – 21 वर्ष

2- मिन्टू कुमार पुत्र कृष्ण पाल सिह निवासी बमनौली जिला बागपत उत्तर प्रदेश उम्र – 30 वर्ष

3- गौतम कुमार पुत्र चन्द्रपाल सिह निवासी बमनौली जिला बागपत उत्तर प्रदेश – उम्र 26 वर्ष

 

*आपराधिक इतिहास*

1. गौतम कुमार पहले भी फर्जी आधार कार्ड , पैन कार्ड, मोबाईल सिम व आधार कार्ड बनाने के लिये एफआईआर संख्या 20/18 बड़ौत थाना बागपत में जेल जा चुका है |

 

*बरामदगीः-*

1- 04 मोबाईल फोन

2- 06 आधार कार्ड

3- 02 पैन कार्ड

4- 03 एटीएम कार्ड

5- 01 ड्राईविंग लाईसेन्स

6- 01 फिगंर एक्टीवेशन मशीन

7- 118 सिम एयरटेल

 

*पुलिस टीमः-*

1- अपर उ0नि0 सुनील भट्ट

2- कानि0 सोहन बडोनी

3- कानि0 महेश उनियाल

 

*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री आयुष अग्रवाल* द्वारा जनता से अपील की है कि अनजान कॉल (बैंक, पॉलिसी कम्पनी) की कॉल आने पर भली भांति जांच कर लें, किसी भी प्रकार के ऑनलाईन पेमैन्ट करने से पूर्व उक्त कम्पनी / डिपार्टमैन्ट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें । इसके अतिरिक्त गिरफ्तारी के साथ-साथ साईबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान के अन्तर्गत वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किये गये हैं।

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