उत्तरकाशी के लिए रविवार का दिन काल साबित हुई। बादल फटने के कारण तीन लोग मलबे में जिंदा दफन हो गए। इलाके में हड़कंप मच गया। सब बर्बाद हो गया। खेत खलियान और घर तबाह हो गए। उत्तरकाशी के मांडों गांव में मलबे में दबकर मां बेटी समेत तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में दो महिलाएं शामिल हैं और एक बच्ची। वहीं बता दें कि इस हादसे में जान गंवाने वाली माधुरी और रितु रिश्ते में देवरानी-जेठानी थीं। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितु छह साल की बेटी के साथ करीब 15 दिन पहले ही गांव आई थी। तीनों की मौत से रितु के जेठ देवानंद और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
रविवार रात हुई मूसलाधार बारिश मांडों गांव निवासी देवानंद भट्ट और उसके छोटे भाई दीपक भट्ट के परिवार पर कहर बनकर टूटी। देवानंद का छोटा भाई दीपक व उसकी पत्नी रितु दोनों दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। हाल ही में कोविड के चलते वर्क फ्रॉम होम पर रहने के चलते रितु बेटी के साथ उत्तरकाशी आ गई थी।
रितू गांव से ही अपने ऑफिस का काम भी निपटा रही थी। पति भी साथ गांव आए थे। उन्होंने कभी ये सोचा भी ना था कि गांव में उनकी मौत उनको बुला रही है। रविवार रात बादल फटने से जब गांव के बीच से गुजरने वाला गदेरा उफान पर आया तो अनहोनी की आशंका पर रितु अपनी बेटी और जेठानी के साथ घर से बाहर निकली। लेकिन घर से बाहर कदम रखते ही मलबा और पानी का जलजला आया और वह तीनों मलबे में समा गए।