केदारनाथ धाम में थार लाई गयी और कहा गया कि थार बुजुर्ग और विकलांगों के लिए लाई गयी है लेकिन थार से उतरते स्वस्थ और सक्षम तीर्थ यात्रियों को देखकर लोग प्रशासन पर उंगली उठा रहे हैं कि आखिर यह थार किसके लिए केदारनाथ धाम लाई गई थी। जिन बुजुर्गों और दिव्यांगों को थार की सहूलियत देने का दावा किया गया था। वह लंबी लाइन में लाठियों के सहारे चलकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं
केदारनाथ धाम में थार वाहन के आनंद लूट रहे और अपने परिचित स्वास्थ्य श्रद्धालुओं को हेलीपैड से केदारधाम मंदिर तक थार में पहुँचा रहे अधिकारियों के ख़िलाफ़ अब सख़्त कार्रवाई होगी. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी को निर्देश जारी कर दिए हैं.
केदारनाथ धाम में थार वाहन आज कल चर्चाओं में है दरअसल पर्यटन विभाग कुछ दिन पहले केदारनाथ धाम में सेना के हेलीकॉप्टर से थार वाहन को मंगवाया था और इसके पीछे का मक़सद था कि केदारनाथ धाम में जो लोग बुजुर्ग या जिनका स्वास्थ्य ख़राब है ज़्यादा चल नहीं सकते उन्हें मंदिर तक थार से ले जाया जाएगा। लेकिन केदारनाथ धाम में पहुँचे थार चर्चा में इसलिए आ गई कि लोगों ने सवाल उठा दिए कि आख़िर भीड़ भाड़ वाले धार्मिक स्थल पर इस तरह के वाहन का कोई औचित्य नहीं है. वहीं सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हुई जिसमें स्वस्थ व्यक्ति 3-4 पुरुष महिलाएं थार से मंदिर तक पहुंचे थे।
दरअसल केदारधाम हेलीपैड से मंदिर तक की दूरी लगभग 1000 से 1200 सौ मीटर दूर बताई जाती है जहाँ पैदल चलने में थोड़ी कठिनाई होती है
थार में बैठे स्वस्थ्य व्यक्तियों की यह विडियो जब वायरल हुई तो लोगों ने इसका विरोध किया विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए.
अब राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा है कि केदार धाम में पर्यटन विभाग की ओर से थार को मंगवाया गया था ताकि अस्वस्थ श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुँचाया जाए. लेकिन वायरल वीडियो उनके संज्ञान में आया है और इस पर अब कार्रवाई की जाएगी.जिस संबंधित अधिकारी ने भी स्वस्थ लोगों को थार से मंदिर तक आने की परमिशन दी थी उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए जिलाधिकारी को मुख्य सचिव की ओर से दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है।