श्रीनगर : राज्य की सबसे बड़ी समस्या है साइबर फ्रॉड और नशा खोरी, नशे का सेवन। इसके प्रति बच्चों को जगरूक करने के लिए पौड़ी पुलिस अभियान चलाए है। इसी के तहत आज The MARSHAL PUBLIC SCHOOL श्रीनगर में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को साइबर फ्रॉड, नशे के दुष्परिणाम व यातायात नियमों के संबंध श्रीनगर पुलिस ने जागरूक किया।
पौड़ी गढ़वाल एसएसपी द्वारा जनपद के सभी थाना/चौकी प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्रों में युवा पीढ़ी को नशे से होने वाले दुष्प्रभाओं, साइबर क्राइम/फ्रॉड से बचने व ट्रैफिक नियमों का पालन किये जाने के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने के लिए आदेशित किया गया है।
निर्गत आदेशों के क्रम में आज चौकी प्रभारी श्रीकोट उप निरीक्षक मुकेश गैरोला द्वारा The MARSHAL PUBLIC SCHOOL श्रीनगर में प्रधानाचार्य औऱ स्कूल प्रबंधक के अनुरोध पर अध्ययनरत छात्र छात्राओं को साइबर फ्रॉड, नशे के दुष्परिणाम व यातायात नियमों के संबंध में जागरुक किया।
साईबर फ्रॉड वर्तमान में देश की सर्वप्रथम समस्या बनी हुयी है, प्रत्येक व्यक्ति साईबर फ्रॉड का शिकार किसी न किसी रुप में हो रहा है। साईबर फ्रॉड में व्यक्ति कई प्रकार से आता है। साईबर फ्रॉड करने वाला व्यक्ति किसी को लोन की धनराशि दुगना करना, लॉटरी लगना, पैंसे कमाने की नई तकनीकि में लाना, टेलीग्राम ग्रुप से जोड़कर विभिन्न लुभावने ऑफर देकर लोगों से फ्रॉड कर देते हैं। किसी को मानसिक रुप से ब्लैकमेल करके कि आपके बच्चे के खिलाफ किसी मामले में एफ.आई.आर. हुई है, या आपका नम्बर किसी एफ.आई.आर में प्रकाश में आ रहा है, या साईबर फ्रॉडर आपको वीडियो कॉल कर एक एडिटेड न्यूड वीडियो बनाकर डराकर वर्तमान में कई प्रकरण आ रहे हैं।
मित्र या रिश्तेदार बनकर भी व्हाट्स एप, फेसबुक, इन्स्टाग्राम में फर्जी आई.डी बनाकर पैंसों की मांग यह बोलकर करते हैं कि शाम को या अगले दिन लौटा देंगे। इस प्रकार व्यक्ति सामने वाले को बिना वैरीफाई किये या जाने लालच में आकर, मानसिक रुप से ब्लैकमेल होकर, मित्र या रिश्तेदार के लिये भावनाओं में आकर उनको गूगल पे या अन्य माध्यम से रुपये डाल देते हैं और उसके पश्चात इस डार्क नेट में इतना उलझ जाते हैं, कि कई बार लाखों रुपये साईबर फ्रॉडर को उसके द्वारा उपलब्ध कराये गये खातों व क्यूआर कोड में ऑनलाईन ट्रांसफर कर देते हैं, और साईबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। साइबर फ्रॉड से बचने का उपाय यही है कि जागरूक होकर धनराशि डालने से पूर्व घटना कि पूर्ण जानकारी करते हुए संबंधित अज्ञात नंबर को ब्लॉक कर दें औऱ पुलिस को जानकारी देने के साथ साथ टोलफ्री नंबर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज़ करा दें। साथ ही छात्र छात्राओं को अपने परिजनों को भी जागरूक करने के लिए प्रेरित किया गया।
इसी प्रकार नशे के दुष्परिणामों के सम्बन्ध में जागरुक किया गया। साथ ही यातायात नियमों के सम्बन्ध में जागरुक किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में प्रधानाचार्य प्रिया साहनी, प्रबंधक जैलेश सबरवाल, अध्यापिका श्रीमती शिवानी आदि मौजूद रहे।