मुकेश बोरा के मामले में एक और के मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि 1 सितंबर को लालकुआं कोतवाली में दुष्कर्म और पॉक्सो की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता पीड़िता भी दुग्ध संघ में आउटसोर्स के जरिये काम करती है। आरोप है कि आउटसोर्स की नौकरी को पक्का करने का झांसा देकर मुकेश ने न सिर्फ उसके साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसकी नाबालिग बेटी से भी छेड़छाड़ की।
ममामला सूर्खियों में आया तब के बाद से फरार मुकेश बोरा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट से स्टे लिया था, लेकिन स्टे की तारीख खत्म होने से पहले ही वह फिर फरार हो गया।
वहीं होने के दौरान परिवहन कर अधिकारी नंदन आर्या, नंदन की पत्नी धारी ब्लॉक प्रमुख आशा रानी, भीमताल के निवर्तमान पालिका अध्यक्ष देवेंद्र चनौतिया और ट्रांसपोर्टर व प्रॉपर्टी डीलर सुरेंद्र सिंह परिहार ने मदद की। जिसके बाद इन सभी के मुकदमा दर्ज किया गया।
वहीं अब जांच में रविवार को एक और नाम शामिल हो गया। दुग्ध संघ के वित्त विभाग में ठेके पर काम करने वाले कामगार राजेंद्र सिंह रैक्वाल के खिलाफ पुलिस को मजबूत साक्ष्य मिले हैं। पुलिस के अनुसार राजेंद्र ने मुकेश बोरा को फरार होने के दौरान मोबाइल फोन और सिमकार्ड उपलब्ध कराए थे। फरारी के दौरान वह लगातार न सिर्फ मुकेश के संपर्क में था, बल्कि पुलिस की हर गतिविधि की सूचना भी उस तक पहुंचा रहा था। सीओ सिटी नितिन लोहनी ने बताया कि जल्द ही आरोपी का नाम मुकदमे में शामिल किया जाएगा।