दर्द से कराहती महिला का वीडियो वायरल, प्रवक्ता बोलीं- सरकार की स्वास्थ्य सुविधाएं केवल पोस्टर और विज्ञापनों में, कथनी और करनी में साफ नजर आ रहा फर्क

देहरादून : टिहरी के प्रतापनगर में चौंड-लंबगांव सीएचसी के वायरल वीडियो से पहाड़ों पर स्वास्थ्य सुविधाओं के हाल पर सवाल खड़े करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने धामी सरकार और स्वास्थ्य मंत्री को जमकर घेरा।

गरिमा दसौनी ने कहा की सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे टिहरी के अस्पतालों में दर दर भटकती और दर्द से कराहती महिला का वीडियो बहुत ही शर्मसार करने वाला है। दसौनी ने उत्तराखंड सरकार को लताड़ते हुए कहा की एक महिला को सम्मान से जीने का अधिकार है, मुख्यमंत्री धामी जो आजकल हर जिले में जाकर ईजा.. बेटी.. ब्वारि इत्यादि कार्यक्रम कर रहे हैं उन्हें करने का कोई महत्व नहीं अगर वह प्रदेश की महिलाओ को सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं दें सकते। दसौनी ने कहा कि आज ग्रामीण अंचलों में हमारी महिलाएं जंगली जानवरों के मुंह का निवाला बन रही हैं लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। आज स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में हमारी मातृशक्ति और उनके नवजात शिशु दम तोड़ रहे हैं सरकार के लिए यह कोई छुटपुट घटना है।

गरिमा दसौनी ने कहा कि प्रसव के दौरान सिर्फ बच्चे का ही जन्म नहीं होता बल्कि मां का भी पुनर्जन्म होता है परंतु इसे प्रदेश की विडंबना ही कहा जा है मातृशक्ति के उस कठिन दौर में उसे जिन मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है प्रदेश की डबल इंजन और प्रचंड बहुमत की बड़बोली सरकार उसे वह भी नहीं दे पा रही।यदि खुद को धाकड़ बताने वाली सरकार अस्पतालों में एक अदद अल्ट्रासाउंड मशीन और एक सफल प्रसव करने लायक भी नहीं तो उसे महिला सम्मान और महिला सशक्तिकरण की बात छोड़ ही देनी चाहिए।

गरिमा दसौनी ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा की सशक्तिकरण की बात तो छोड़िए टिहरी के अस्पतालों का जो हाल दिख रहा है उससे तो यही प्रतीत होता है कि सरकार में बैठे लोगों के दिल में ना महिलाओं के लिए कोई सम्मान है और ना संवेदनाएं ।

गरिमा दसौनी ने कहा की वीडियो में साफ दिख रहा की महिला के परिजन अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारियों की तलाश में भटकते नजर आ रहे हैं। दो घंटे तक भटकने के बाद भी किसी के नहीं मिलने पर परिजनों ने सन्नाटे में डूबी सीएचसी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाला और शासन प्रशासन से सवाल उठाया।

गरिमा दसौनी ने कहा की इस वायरल वीडियो से साफ हो रहा है कि पहाड़ों पर स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधा की क्या स्थिति है। ऐसे में पहाड़ों पर स्वास्थ्य सुविधा में सुधार के सरकार के दावे पूरी तरह से हवा हवाई है। ज्यादतार पहाड़ी अस्पतालों की स्थिति यही है, इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल है, लेकिन सरकार पूरी तरह से पहाड़ी क्षेत्र के स्वास्थ्य सुविधाओं को नजर अंदाज़ कर रही है, केवल उनकी स्वास्थ्य सुविधाएं पोस्टर और विज्ञापनों में दिखती है, भाजपा की कहनी और कथनी में फर्क साफ नजर आ रहा है।

गरिमा दसौनी ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा देने में तो धामी सरकार पूरी तरह से फेल हो हो गई है जिसकी बानगी पिछले वर्ष के आंकड़े हैं,जहां देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में 907 महिलाओं का बलात्कार और 778 का अपहरण हो गया और एनसीआरबी के आंकड़ों के हिसाब से 9 हिमालयी राज्यों को हमने महिला अपराध में पीछे छोड़ दिया। दसौनी ने धामी सरकार को नसीहत देते हुए कहा की नौटंकी आडंबर और प्रपंच से भरे हुए महिला सम्मान के दिखावे के कार्यक्रम करने की बजाय अस्पतालों की सुध लीजिए ।

गरिमा दसौनी ने पूछा कि आखिर कब तक उत्तराखंड की महिलाएं एक अक्रमण्य स्वास्थ्य मंत्री की गलती का खामियाजा भुगतती रहेंगी???

 

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