देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर से हलचल देखने को मिल रही है हालांकि ये हलचल क्यों है किसलिए है इस पर किसी का कोई साफ साफ बयान नहीं आया है लेकिन माननीयों के दिल में बहुत कुछ है। लगातार एक बार फिर से विधायकों की सीएम आवास तक दौड़ जरूर देखने को मिल रही है। कोई विधायक मंत्री बनने की इच्छा दिल मे़ दबाए है तो कोई कह रहा है तीन बार का विधायक हूं। जिससे समझा जा सकता है कि विधायकों के मन में क्या चल रहा है। हालांकि सवाल करने पर सब यही कहते दिखे की शीर्ष नेतृत्व का फैसला है।
एक के बाद एक कर विधायकों की सीएम धामी की तस्वीरें बहुत कुछ बयां कर रही है। हालांकि बयान किसी ने भी नहीं दिया है लेकिन इतिहास गवाह है जब भी ऐसी हलचल देखने को मिली तो राजनीति में कुछ कुछ हुआ जरूर है। जब त्रिवेंद्र रावत सीएम थे और उन्होंने दिल्ली तक दौड़ लगाई थी और फिर राज्यपाल से मिले तो सब ने अंदाजा लगा लिया था कि कुछ बड़ा होने जा रहा है और कुछ देर बाद त्रिवेंद्र रावत ने इस्तीफा दे दिया था।
कोई वरिष्ठ विधायक तो कोई जनता के दिल में करता राज
हालांकि अभी विधायकों की दौड़ के कुछ और मायने हैं। इस्तीफा तो नहीं लेकिन हो सकता है किसी विधायक की लौटरी लग जाये। खजान दास काफी वरिष्ठ विधायक हैं लगातार राजपुर विधानसभा से जीतते आ रहे हैं तो उनके दिल में भी अभी तक मंत्री ना बनने का मलाल जरूर होगा। उमेश शर्मा काऊ की वोटरों में अपनी विधानसभा में अलग ही पैठ है और वो सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले भाजपा के विधायक हैं तो उनको इसकी खुशी तो जरूर है लेकिन दिल में मंत्री बनने की इच्छा जरूर लिए होंगे। हालांकि ये सिर्फ हमारा विश्लेषण है क्योंकि जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो बहुत कुछ बयां कर रही है।
मदन कौशिक सरकार में मंत्री रह चुके हैं इस बीच सीएम से उनकी मुलाकात उनकी इच्छा जाहिर कर रही है कि फिर से क्या वो मंत्री बनना चाहते हैं? कई विधायक दिल्ली में पीएम मोदी समेत अमित शाह को खुश करने में जुटे हैं तो साथ ही उत्तराखंड में सीएम को खुश करने में भी जुटे हैं।
इन दिनों सीएम आवास की तरफ विधायकों की दौड़ देखी जा रही है, बताया जा रहा है कि जल्द ही कुछ विधायकों की लॉटरी लग सकती है। चर्चा इस बात की भी है कि धामी सरकार जल्द ही कैबिनेट के चार रिक्त पदों को भरने जा रही है।जिसको लेकर पिछले दिनों भाजपा की संगठनात्मक बैठक में चर्चा भी हो चुकी है। इसको लेकर भाजपा के कई विधायक बयान भी दे चुके हैं कि जल्द ही कैबिनेट के रिक्त पद भरे जाएंगे।
ऐसे में मुख्यमंत्री से विधायकों की मुलाकात को इससे जोडकर श देखा जा रहा है। कर्णप्रयाग से भाजपा विधायक अनिल नौटियाल पिछले 1 सप्ताह में मुख्यमंत्री से दो बार मिल चुके हैं।विधायक अनिल नौटियाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह निर्णय शीर्ष नेतृत्व के साथ मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार का है। एक सवाल के जवाब में कहा कि तैयारी तो पूरी रहती है, तीसरी बार के विधायक हैं तो विश्वास और अपेक्षाएं रहती हैं, साथ ही कार्यकर्ताओं की भी अपेक्षाएं रहती है।
देखना ये होगा ये हलचल किस ओर ले जाती है और क्या निकलकर सामने आता है? किसकी मंत्री पद पर ताजपोशी होती है ये आने वाला वक्त बता ही देगा। ये सिर्फ हमारा अंदाजा है देखना होगा ये अंदाजा कितना सही साबित होता है?
दीपिका भंडारी