कांग्रेस‌ के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल का बढ़ा हुआ भत्ता और सुविधाएँ लेने से इंकार, विधानसभा अध्यक्षा को लिखा पत्र, कही ये बातें

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व विधायक गणेश गोदियाल ने हाल ही में गैरसैंण सत्र के दौरान बढ़े भत्ते व अन्य सुविधाएं लेने से इंकार कर दिया है। उन्होंने अपनी एक वीडियो पोस्ट पर कहा कि वे इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं। उन्होंने सिफारिश की कि विधायकों/पूर्व विधायकों के वेतन , भत्ते व अन्य सुविधा में इजाफे के लिए एक नियामक आयोग बनना चाहिए।

बता दें कि गोदियाल 2002 से 2007 (थलीसैंण) व 2012 से 2017 (श्रीनगर) से विधायक रहे हैं।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक गोदियाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट में गैरसैंण सत्र की अवधि, विधायकों/पूर्व विधायकों के भत्ते, राज्य में आपदा, विधायक हरीश धामी की पीड़ा व जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस से कांग्रेस गठबंधन को लेकर सीएम धामी द्वारा राहुल गांधी से पूछे गए सवालों के संबंध में सत्ता पक्ष पर तीखी टिप्पणी की है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कई विभागों में राज्य के युवा 6 से 8000  की नौकरी कर रहे हैं और वेतन बढ़ाने की सालों से मांग कर रहे हैं। राज्य में हर कोने में आपदा की भारी मार है। आपदा राहत राशि नहीं दी जा रही है। ऐसे में विधायकों/पूर्व विधायकों के भत्ते आदि बढ़ाने का लोगों में संदेश सही नहीं गया है। कहा कि ये सच है कि सार्वजनिक जीवन में काम कर रहे लोगों को अधिक संसाधनों की जरूरत है लेकिन उसके लिए देश, काल और परिस्थिति देखनी चाहिए। राज्य में आपदा की विभाषिका है। विधायकों/पूर्व विधायकों का वेतन,भत्ते व अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए एक नियामक आयोग बनना चाहिए। चूंकि, आजकल ये संदेश जाता है कि विधानसभा सदन के सदस्य अपनी मर्जी से अपनी पेंशन, वेतन व भत्ते बढ़ा देते हैं। मात्र तीन दिन के गैरसैंण सत्र का यही संदेश गया है।

उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक के नाते वे बढ़े भत्ते व अन्य सुविधाएं नहीं लेंगे। वे इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं। कांग्रेस विधायक हरीश धामी की पीड़ा को जायज ठहराते हुए गोदियाल ने कहा कि सत्र की अवधि कम से कम 15 दिन होनी चाहिए। 70 एमएलए को अपनी क्षेत्र की समस्या रखनी हैं।चूंकि यही प्लेटफार्म है जहां चर्चा होती है। उन्होंने सरकार व कांग्रेस विधान मंडल से अनुरोध किया कि आगे 15 दिन की सत्तावधि पर सहमति बने।

गोदियाल ने कहा कि हाल ही में उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डाक्टर धन सिंह रावत का एक बयान आया कि जम्मू कश्मीर में प्रवास के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने सलाह दी कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से हर दिन होटल, गाड़ी व ड्राइवर बदलना होगा। गोदियाल ने कहा कि फिर धारा 370 हटाकर क्या फायदा हुआ है?

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