देहरादून : उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने आज देहरादून में बयान जारी करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग समाप्त होते ही प्रदेश में बिजली की दरों में की गई भारी वृद्धि नियम अनुसार नहीं की गई है मनमाने तरीके से बिजली के दाम बढ़ाए गए हैं, क्योंकि विद्युत नियामक आयोग तीन सदस्यों वाली संस्था है जिसमें अध्यक्ष पद खाली है और विधि विशेषज्ञ का सदस्य का पद भी रिक्त चल रहा है केवल तकनीकि विशेषज्ञ के पद पर एक सदस्य ही विद्युत नियामक आयोग में है । एक सदस्य के दम पर किस तरीके से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के भाग्य का फैसला कर दिया गया और मनमाने तरीके से विद्युत की दरें बढ़ा दी गई यह समझ से परे हैं ,आखिर चुनाव आचार संहिता के बीच मनमाने तरीके से अचानक बिजली की दरें बढ़ाने की ऐसी क्या मजबूरी थी कि दो सदस्यों की नियुक्ति का भी इंतजार नहीं किया गया और अब जानकार सवाल खड़े कर रहे हैं की विद्युत नियामक आयोग बिना अध्यक्ष और विधि विशेषज्ञ के कैसे इतना बड़ा फैसला ले सकता है । ऐसे फैसले व्यापक विचार विमर्श और सर्वसमती के आधार पर होने चाहिए । जिसका पालन नहीं किया गया और केवल तकनीकि सदस्य ने ही मनमाने तरीके से बिजली की दरें बढ़ाने का फैसला ले लिया आखिर ऐसा क्यों किया गया और किसके दबाव में किया गया यह बड़ा सवाल है ।
प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने केवल एक सदस्य के दम पर बिजली की दरों को बढ़ाने के लिए लिए गए मनमाने फैसले पर आक्रोश प्रकट करते हुए इसे ,पहले से ही महंगाई के बोझ से दबी जनता के सिर पर और मंहगाई का बोझ डालने वाला फैसला बताया।
विद्युत नियामक आयोग ने लोकसभा चुनाव के परिणाम आने का भी इंतजार नहीं किया जबकि इस समय पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू है और बिना चुनाव आयोग की अनुमति लिए बिना कोई नीतिगत निर्णय नही लिया जा सकता है मगर फिर भी जल्दबाजी में इतना बड़ा फैसला एक सदस्य के दम पर ले लिया गया जो कई सवाल खड़े करता है पहले से ही ।उत्तराखंड के विद्युत उपभोक्ता अघोषित बिजली कटौती की मार झेल रहे हैं चाहे उद्योग धंधे हो चाहे किसान हो सभी बिजली कटौती से परेशान है पहले सरकार को प्रदेश की जनता को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करानी चाहिए और बिजली कटौती की समस्या का समाधान निकालना चाहिए तब जाकर के इस प्रकार के फैसलों पर विचार होना चाहिए लेकिन सरकार अपनी गलतियों को सुधारने की जगह महंगाई बढ़ाने वाले मनमाने फेसले कर रही है जो सरासर गलत व जन विरोधी निर्णय है।
प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने सरकार से बिजली की दरों में की गई वृद्धि पर पुनर्विचार करने व इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की है । और सरकार से पूछा कि क्या एकल सदस्य विद्युत नियामक आयोग बिना अध्यक्ष और विधि सलाहकार के इस तरह का फैसला लेने में सक्षम है ।और क्या यह फैसला एक सदस्य आयोग ले सकता था इसका जवाब भी सरकार को प्रदेश की जनता को देना चाहिए।