देहरादून में रविवार को बड़े हादसे की वजह से ओवरलोडिंग सामने आया है। यहां विकास नगर में चकराता के पास एक बोलेरो खाई में गिर गई थी, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हैं। बोलेरो में सवार सभी लोग एक ही गांव के रहने वाले थे। खाई में गिरते ही वाहन के परखच्चे उड़ गए। कड़ी मशक्कत के बाद सभी शवों और घायलों को खाई से बाहर निकाला जा सका। हादसे के मामले में परिवहन विभाग की कार्यशैली पर सवालों के घेरे में है।
उत्तराखंड के चकराता में रविवार को दर्दनाक हादसे के कारणों में शुरुआती खुलासे चौंकाने वाले हैं। इसमें बोलेरो का ड्राइवर भी रेग्यूलर नहीं था। जो युवक रोज बोलेरो चलाता था, वह कहीं गया था। इसलिए मालिक ने ही स्टेयरिंग थाम ली थी। इसके बाद जैसे ही कार 100 मीटर आगे बढ़ी तो 300 फीट गहरी खाई में गिर गई और लोग हादसे का शिकार हो गए।
एसपी देहात स्वतंत्र कुमार सिंह के मुताबिक, हादसे के कारणों के बारे में अभी ज्यादा पता नहीं चला है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि इस गाड़ी को रोज ड्राइवर चलाता था। लेकिन, शनिवार को उसे कुछ काम था तो वह अपने गांव में उतर गया था। यह गाड़ी नरेंद्र की थी। नरेंद्र ने उससे कहा था कि वह सुबह उसे गांव से ले लेगा। यहां तक वह खुद गाड़ी चलाकर आ जाएगा। रविवार को ड्राइवर नहीं आया था। इसके चलते गाड़ी नरेंद्र ही लेकर चल दिया।
ये हादसा विकासनगर-बुल्हाड़ बायला रोड पर हुआ। बोलेरो में क्षमता से अधिक सवारियां बैठी थीं। आरटीओ से बोलेरो 9 सीटर पास है। लेकिन, इसमें रविवार को 15 सवारियां बैठी थीं। खचाखच गाड़ी भरे होने के कारण गाड़ी चला रहे मालिक ने थोड़ी दूर जाकर नियंत्रण खो दिया और 300 मीटर दूर वाहन खाई में जा गिरा। एसपी देहात का कहना था कि ये जानकारी सिर्फ स्थानीय लोगों ने ही दी है।
घटना की अन्य वजहों के बारे में अभी जांच चल रही है। मृतकों के अंतिम संस्कार होने के बाद विस्तृत जांच की जाएगी। बताया जा रहा है कि नरेंद्र को गाड़ी चलाने का अनुभव नहीं था। इसके चलते यह हादसा होने की आशंका जताई जा रही है। पता चला है कि बोलेरो में स्थानीय लोग छानी में पशुओं के चारे की व्यवस्था करने जा रहे थे। दो लोग पास में ही घराट जाने के लिए सवार हुए थे। इन्होंने गेहूं के बोरे भी गाड़ी में लादे हुए थे। सभी एक ही गांव के रहने वाले थे।