देहरादून : लोकसभा चुनाव में टिहरी से निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पवार हमेशा बेरोजगार युवाओं के लिए आवाज उठाते आए हैं और पेपर लीक और घोटालों को लेकर बहुत खुलासे उन्होंने किए हैं लेकिन ये करते करते क्या वो अब कानून हाथ में लेने के लिए तैयारी कर रहे हैं। जी हां ये हम नहीं खुद उन्होंने कहा है।
बता देने कि बॉबी पंवार ने बीते दिन एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ बोला और अधिकारियों समेत सरकार को चेतावनी दी और कानून हाथ में लेने को लेकर बयान दिया। हालांकि ये भी सच है कि छोटे से राज्य मे़ भ्रष्टाचार चरम पर है और भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने और कार्रवाई करने की जरूरत है लेकिन कानून हाथ मे लेने से खुद को नुकसान है। यै भी युवाओं को समझना होगा और सरकार को ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्यवाहीकरनी होगी ताकि कोई भी भ्रष्टाचार करने से पहले सौ बार सोचे।
बॉबी पंवार बोलते बोलते इतना बोल गये कि उनके बयान को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बॉबी पंवार ने राज्य की कानून व्यवस्था को अपने हाथों में लेते हुए अपने नियम कानून बनाने की बात कही।
बॉबी पंवार ने फिल्मी अंदाज में अधिकारियों और नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि हम लोग मेहनत करके अधिकारियों मंत्री और मुख्यमंत्री के पास हो रहे भ्रष्टाचार का साक्ष्य पहुंचाते हैं और यह तमाम अधिकारी और नेता उन साक्ष को दबा देते हैं तो हमारा एक नियम रहेगा कि जिस अधिकारी का जो करप्शन है उसे एक या दो बार उससे उन्हें अवगत कराया जाएगा यदि फिर भी वह नहीं संभालते हैं तो अपना रास्ता बदलते हुए उनके मुंह पर कालिक पोती जाएगी और जरूरत पड़ी तो हाथ और टांग भी तोड़ा जाएगा और यदि आगे भी जरूरत पड़ी तो जनता के बीच उन्हें खींचकर लाकर जनता के बीच उन सभी को मारा जाएगा।
अब सवाल यह उठता है कि क्या बॉबी पवार नेता बनते बनते खुद कानून बन गए हैं?? या कानून हाथ में लेने वाले बन गये हैं। हक की लडाई लडने का हक सबको है लेकिन कानून हाथ में लेने का हक किसी को नहीं है। भले ही वो अपनी बात अपने हक की लडाई लड़ते है। सवाल उठता है कि क्या उन्हें नियम और कानून बनाने का अधिकार प्राप्त हो गया है??