आपदा काल मे राजनैतिक यात्रा निकाल रही कांग्रेस के आरोप हास्यास्पद, केदारनाथ अतिवृष्टि के बाद त्वरित रेस्क्यू विपक्ष के लिए आइना- मनवीर चौहान

देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राज्य मे आपदा से निपटने के लिए सरकार ने बचाव अभियान के मध्य जिस तरह से समन्वय किया उसके सुखद नतीजे सबके सामने आये हैं। 2013 के बाद आयी बड़ी आपदा मे आपदा प्रबंधन ने जिस कठिन डगर को आसान किया और सीएम ने पूरे अभियान की मॉनिटरिंग की वह विपक्षी कांग्रेस के लिए आईना है। कांग्रेस आपदा जैसे वक्त मे विपक्ष धर्म भूलकर राजनैतिक यात्रा प्रबंधन मे जुटी रही।

कांग्रेस के आपदा प्रबंधन पर आरोपों को लेकर मनवीर चौहान ने कहा कि इस बार अधिक बारिश से सड़कों का अवरुद्ध होना स्वाभाविक भी था, लेकिन आपदा प्रबंधन भी अभुतपूर्व था। पर्वतीय क्षेत्र के दर्जनों गाँव मे मध्य रात्रि को बादल फटने की घटना के बाद घरों से तत्काल रेस्क्यू अभियान चलाया गया और ऐसे अनगिनत उदाहरण है जिसमे रेस्क्यू टीम ने जान जोखिम मे डालकर बचाव कार्य किये।

उन्होंने कहा कि केदारनाथ मे बारिश के कारण अतिवृष्टि की घटना को समय से संभाल लिया गया और हजारों जान बच गयी। 20 हजार लोगों का सफल रेस्क्यू किया गया। हालांकि 2013 मे आयी आपदा के समय तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार की संजीदगी को इससे समझा जा सकता है कि भारी आपदा की खबर सरकार को दो दिन बाद पता लगी। हजारों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा और आपदा प्रबंधन विभाग था या नही यह कांग्रेस ही बेहतर बता सकती है।

उन्होंने कहा कि सीएम आपदा प्रबंधन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और अधिकारी उनके निर्देश का शत प्रतिशत पालन कर रहे हैं। राज्य मे 95 प्रतिशत मार्ग खुले हैं और शत प्रतिशत मार्गों को खोलने के लिए सीएम ने दो दिन का समय दिया है। अतिवृष्टि की मार के बावजूद केदारनाथ पैदल मार्ग श्रद्धालुओं के लिए खुला है और हल्के वाहनों से भी आवाजाही हो रही है।

उन्होंने कहा कि कम समय मे चुनौतीपूर्ण कार्यों को आपदा प्रबंधन की टीम ने बेहतर कर दिखाया है, लेकिन कांग्रेस को यह नही दिख रहा है। कांग्रेस का धेय महज इस दौरान केदारनाथ उप चुनाव की रिहर्सल तक सीमित रहा। इस दौरान वह देश भर से आये श्रद्धालुओं की मदद या सेवा कार्य भी कर सकती थी, लेकिन वह आपदा प्रबंधन पर आरोप और अपने छद्म सनातन के रूप के प्रचार प्रसार मे जुटी रही। कांग्रेस को आपदा प्रबंधन टीम के जज्बे को सराहने की जरूरत है न कि उनके मनोबल पर चोट करने की है।

 

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