हरिद्वार से बड़ी खबर है। बता दें कि हरिद्वार एसडीएम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है जिसे ऐतिहासिक कहा जा रहा है। जी हां बता दें कि जो बच्चे अपने माता-पिता को परेशान करेंगे, प्रताड़ित करेंगे वह घर से बेदखल होंगे। यह फैसला लिया है हरिद्वार एसडीएम कोर्ट ने ।
ऐसे बच्चे सावधान हो जाएं जो अपने माता-पिता को प्रताड़ित करते हैं क्योंकि हरिद्वार एसडीएम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ऐसे छह बुजुर्गों के बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करते हुए 1 महीने के अंदर घर खाली करने के आदेश दिए हैं। आदेश का पालन न करने पर पुलिस को आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
बता दें कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एसडीएम कोर्ट में अपने बच्चों के खिलाफ वाद दायर कर सकता है। अधिनियम की धारा के तहत एसडीएम की ओर से सुनवाई के बाद बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। ऐसे ही छह बुजुर्गों की ओर से हरिद्वार एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया गया था।
बुधवार को एसडीएम पूरण सिंह राणा इन मामलों की सुनवाई कर रहे थे। ज्वालापुर, कनखल और रावली महदूद के बुजुर्गों की ओर से कोर्ट में वाद दायर किया गया था कि उनके बच्चे उनके साथ ही रहते हैं, लेकिन न तो उनकी कोई सेवा करते हैं और न ही खाना देते हैं। उल्टे उनके साथ मारपीट करते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों ने उनके बच्चों से उन्हें बचाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई गई थी जिसमें उन्हें अपनी चल और अचल संपत्ति से बेदखल कर घरों से बाहर निकालने की मांग की गई थी। बुजुर्गों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसडीएम पूरण सिंह राणा ने सभी छह मामलों में बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करने का फैसला सुनाया है। साथ ही 30 दिन के भीतर घर खाली करने के आदेश दिए। फैसले में कहा गया कि यदि यह लोग घर खाली नहीं करते हैं तो संबंधित थाना प्रभारियों को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा है।