पूरा थाना हुआ प्रभारी के खिलाफ, लिखा गुमनाम पत्र, कहा सर कहते हैं- धूप में तु मर नहीं जाएगी और मर भी गयी तो तेरा पंचायतना पोस्टमार्टम करवा देंगे पुलिस रोज ही ये करती है

एक बार फिर से उत्तराखंड पुलिस विभाग से बड़ी खबर है बता दे की एक थाना ऐसा है जिसके सभी पुलिसकर्मी अधिकारी अपने ही थाना प्रभारी के खिलाफ हो गए और उन्होंने अपने अधिकारी को गुमनाम पत्र लिखा है और साथ ही थाना प्रभारी पर उत्पीड़न समेत गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. ये लेटर जमकर वायरल हो रहा है जिसकी सत्यता की पुष्टि हम नहीं करते लेकिन ये भी सच है जिस प्रभारी के खिलाफ इस चिट्ठी मे़ लिखा गया है उनका रिकॉर्ड सही नहीं है। उनका विवादों से नाता रहा है।

विवादों से पुराना नाता

दरअसल इस कोतवाल का विवादों से पुराना नाता रहा है। विवादों का पर्याय बने और मित्र पुलिस पर दाग लगाने वाले इन्स्पेक्टर सुंदरम शर्मा को डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने टिहरी पोस्टिंग के दौरान लाइनहाजिर किया था।

डीआईजी नीरू गर्ग को थाना चम्बा जनपद टिहरी क्षेत्रार्न्तगत दो पक्षो में मार-पीट व झगड़े की घटना को लेकर कुछ लोगों ने शिकायत की थी।  शिकायत में आरोप लगाया था कि मारपीट मामले में प्रभारी निरीक्षक चम्बा द्वारा विलम्ब और एकपक्षीय कार्रवाई की गई। डीआईजी ने उक्त घटना का संज्ञान लेते हुए प्रभारी निरीक्षक चम्बा सुंदरम शर्मा को तत्काल प्रभाव से लाईन हाजिर किया गया था और उक्त घटना की निष्पक्ष जांच के निर्देश टिहरी एसएसपी को दिये थे।

सुंदरम शर्मा निकाय चुनाव से लेकर लगातार चर्चाओं में रहे। निकाय चुनाव में एक प्रत्याशी के समर्थक के साथ मारपीट करने का मामला भी खूब तूल पकड़ा था। घटना के दौरान पत्रकारों से भी उन्होंने अभद्रता की तो कई दिनों तक पत्रकार एसएसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे रहे। इसके बाद टिहरी झील के एक कार्यक्रम के दौरान भी पत्रकारों से अभद्रता की गई थी। लॉक डाउन के दौरान एक सेना के जवान के साथ अभद्रता कर डाली, इसका वीडियो सोशल मीडिया में खूब वॉयरल हुआ था। कार में डंडा मारा था।

इन घटनाओं से साफ हैकि सुंदरम शर्मा का विवादों से पहले से ही नाता ररहा है और अब ताजा मामले ने जन्म ले लिया है। हालांकि आरोपों में कितनी सच्चाई है इसकी जांच सख्ताई से होनी चाहिए वरना एक अधिकारी के बार बार विवादों में आना और थाने के बाहर से लेकर अंदर तक के लोगों का उनके खिलाफ होना बहुत कुछ बयां कर रहा है।

पत्र लिखकर लगाए गंभीर आरोप

सेवा में,

श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय उत्तराखण्ड, देहरादून

विषय- थाना किच्छा प्रभारी निरीक्षक सुन्दरम शर्मा द्दारा अपने अधीनस्थों का उत्पीड़न, दुर्व्यवहार, अनैतिक कार्यों व प्रताड़ना की जांच करने विषयक ।

महोदय,

कृपया सादर अवगत कराना है कि श्री सुन्दरम शर्मा विगत 08 माह से थाना किच्छा जनपद ऊधमसिह नगर में प्रभारी निरीक्षक के पद पर नियुक्त है। जब से श्री सुन्दरम शर्मा प्रभारी निरीक्षक के पद पर नियुक्त है तब से उनके द्दारा अनुशासन के नाम पर अपने अधीनस्थ नियुक्त पुलिस बल का उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसका विवरण निम्न है।

 

1- अधीनस्थ पुलिस बल को टारगेट कर के उनकी छोटी छोटी गलती होने पर गैर हाजिरी अंकित की जाती है।

2- दैनिक व रात्री गणना के नाम पर सुबह 9 बजे व रात्री 21:00 बजे थाना पुलिस के समस्त अधिकारी और कर्म० गणों को एक-एक घंटा खड़ा किया जाता है। इनके द्दारा व इनके हितबद्ध कर्मचारियों के द्वारा गणना के दौरान निर्धारित वर्दी धारण नही की जाती है, जबकि अपने अन्य अधीनस्थों को अनुशासहीनता और उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजने का डर दिखाकर निर्धारित वर्दी में रहने की हिदायत देते है तथा कहते है कि मेरे द्वारा इन कर्मियों को वर्दी के लिए EXEMPTION दिया गया है जबकि यह इनके क्षेत्राधिकार में नहीं है। इसके अतिरिक्त अधिकांश समय ये स्वयं भी गणना में उपस्थित नहीं रहते हैं, और न ही इनके हितबद्ध कर्म० गणना में उपस्थित रहते हैं। इसकी पुष्टि हेतु थाना हाज़ा के CCTV कैमरों का व गणना के दौरान खिचे गये फोटोग्राफ का अवलोकन अपेक्षित है इनके द्वारा गणना के समय सभी अधिकारी कर्मचारियों के सामने ही किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को अनावश्यक काम का दबाव बनाकर जलील बनाया जाता है।

3- गणना मे एक महिला अपर उप-निरीक्षक के द्वारा यातायात डियूटी के दौरान पड़ रही भीषण गर्मी से ड्यूटी में होने वाली समस्या को प्रभारी निरीक्षक के समक्ष कहा गया तो इनके द्वारा उक्त अपर उप-निरीक्षक को बहुत ही निर्लज्जता से कहा गया कि “धूप में तु मर नहीं जाएगी और मर भी गयी तो तेरा पंचायतना पोस्टमार्टम करवा देंगे पुलिस रोज ही ये काम करती है तेरे मरने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है” इस पर उक्त अपर उप-निरीक्षक द्वारा कहा गया कि आपको भले ही फर्क नहीं पड़े लेकिन मेरे परिवार को पड़ता है। प्रभारी निरीक्षक द्वारा फटकार कर चुप करवा दिया गया। इसके अलावा इनके द्वारा एक महिला उप निरीक्षक को MP चौक पर जनता के लोगो के समक्ष सार्वजनिक तौर पर कठोर अमानवीय शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा गया कि ” मैं तेरी ऐसी तैसी कर दूंगा” प्रभारी निरीक्षक के पद पर रहते हुए इनके द्वारा अधिकांश अपने अधिनस्थो से इस तरह के अमानवीय शब्दों का प्रयोग व व्यवहार सार्वजनिक तौर पर किया जाता है। अन्य कई कर्मचारी भी इस तरह के व्यवहार से पीडीत हैं, परन्तु जनपद में किसी भी स्तर पर न्याय न मिलने की उम्मीद से अपनी समस्या को जाहिर नहीं कर रहे हैं। 4- उच्चाधिकारियों के आदेश निर्देशों के पालन किये जाने के नाम पर इनके द्वारा अधिकारी और कर्मगणों को सस्पेंड करने की धमकी दी जाती है। प्रभारी निरीक्षक के पद पर रहते हुए स्वय इनके द्वारा आदेश निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, जनपद में सप्ताह में एक दिन जोनल चेकिंग हेतु आदेश निर्गत किये गये हैं परन्तु इनके द्वारा अपने अधिनस्थो को जोनल चेकिंग हेतु आदेशित किया जाता है और स्वय चेकिंग नहीं की जाती है, केवल GD में अपनी रवानगी की जाती है। जोकि उच्चाधिकारियों के आदेश निर्देशों का खुले तौर पर उल्लघन है।

5- थाना स्तर पर नियुक्त कुछ महिला कर्म० गणों पर इनके द्दारा विशेष छूट दी जाती है, जैसे गणना के दौरान किसी भी कर्म० गण को अनुपस्थित होने की छूट नही दी जाती है परन्तु अपने हितबद्ध कर्म० गणों को इनके द्दारा कुछ नही कहा जाता है चाहे वह किसी भी प्रकार के कपड़े पहन कर थाने पर उपस्थित हो।

 

6- थाना किच्छा के CCTNS कार्यालय में नियुक्त एक महिला कर्मी से प्रभारी निरीक्षक से प्रेम प्रसंग की चर्चा भी आम है, जिस कारण उक्त महिला कर्मी को गणना में आने व सादा वस्त्रो में डियूटी करने, तथा रात्रि डियूटी नहीं करने की छुट प्रदान की गयी है। इनके इन अनैतिक कार्य के कारण अन्य महिला कर्मी भी थाने में कार्य करने में असहज महसूस करती है और इनके डर के कारण किसी के समक्ष अपनी समस्या नहीं बता पा रही हैं।

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