थानाध्यक्ष की जिद ने उजाड़ दिया सिपाही का हंसता खेलता परिवार, गर्भवती बीवी और नवजात की मौत

पुलिस की नौकरी की बात करें तो एक तरह से 24 घंटे की ड्यूटी होती है। हर समय उसे अलर्ट रहना पड़ता है। इस भागदौड़ की नौकरी में वो परिवार को समय नहीं दे पाता। और कभी तो जब परिवार को सबसे ज्यादा उसकी जरूरत होती है वो परिवार के पास तक नहीं होता जिससे बडे हादसे तक हो जाते हैं और हुए भी हैं।

ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जालौन में रामपुरा का है जहाँ रामपुरा थाना प्रभारी के हटपन ने एक सिपाही के हंसते खेलते परिवार को उजाड़ दिया. सिपाही को थानाध्यक्ष द्वारा छुट्टी न देने के कारण वह अपनी गर्भवती पत्नी को समय से अस्पताल नहीं ले जा सका, जिस कारण उसकी गर्भवती पत्नी और बच्चे की मौत हो गई.

इस घटना की जानकारी जैसे ही पुलिस विभाग के अधिकारियों को हुई हड़कंप मच गया. आनन फानन में अधिकारियों को सिपाही को छुट्टी देनी पड़ी, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिपाही विकास निर्मल की पत्नी गर्भवती थी और प्रेगनेंसी का अंतिम माह चल रहा था, जिस कारण सिपाही विकास ने थानाध्यक्ष रामपुरा अर्जुन सिंह को अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र दिया, मगर थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने सिपाही द्वारा मांगे गए अवकाश को स्वीकृत नहीं किया, जिस कारण सिपाही अपनी गर्भवती पत्नी के पास नहीं जा सका और न ही उसे अच्छे अस्पताल ले जा सका. जिस कारण उसकी गर्भवती पत्नी और बच्चे की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई.

 

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