देहरादून : सत्ता की हनक एक बार नहीं कयी बार देखने को मिल ही जाती है। फिर चाहे सड़क पर हो या सरकारी दफ्तर में। सत्ता की हनक ऐसी की अधिकारियों से तू तडा़क और अभद्रता।
ताजा मामला देहरादून नगर निगम का है जहाँ अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक महेश जीना पर सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों से बदसलूकी का आरोप लगा है। खबर है कि महेश जीना किसी टेंडर के सम्बंध में देहरादून नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में कुछ लोगों के साथ पहुंचे। यहां उन्होंने हेड क्लर्क पवन थापा के साथ अभद्रता की और तू तडा़क करते हुए उन्हें धमकाया भी।
जानकारी मिली है कि इसके बाद विधायक नगर आयुक्त के कार्यालय पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने नगर आयुक्त के साथ भी अभद्रता करते दिखाई दिए जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस घटना से निगम के कर्मचारियों में गुस्सा और आक्रोश है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक विधायक सामूहिक रूप से माफी नहीं मांगते तब तक कार्य बहिष्कार के साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था ठप रहेगी।
इस पर कांग्रेस ने भी हमला किया। कांग्रेस ने कहा की जिस तरह की शब्दावली और भाषा शैली का इस्तेमाल विधायक साहब कर रहे हैं उसका सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं। उत्तराखंड बीजेपी में बाहुबलियों की कोई कमी नहीं है, फिर चाहे मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का सड़क पर मारपीट का प्रकरण हो या मंत्री गणेश जोशी का शक्तिमान से लेकर आज तक के अनगिनत प्रकरण उत्तराखंड बीजेपी में मंत्री तो मंत्री विधायक किसी से काम नहीं। सत्ता की हनक और अकड़ इनके इतना सर चढ़कर बोल रही है की बेटे को सहस्त्रधारा ट्रेंचिंग ग्राउंड में कूड़ा निस्तारण को लेकर टेंडर ना मिलने पर विधायक जी स्वयं नगर निगम देहरादून पहुंच गए और नगर आयुक्त के साथ अभद्रता की सारी सीमाएं लांघ दी।
गरिमा दसौनी ने कहा कि जनप्रतिनिधि से एक संतुलित आचरण की अपेक्षा की जाती है ऐसे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को जवाब देना चाहिए की अनुशासन और सुचिता की बड़ी-बड़ी बात करने वाली पार्टी में कोई महीना ऐसा नहीं होता जहां सत्ता रूढ़ दल के मंत्री या विधायक का कोई ना कोई आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न होता हो।
गरिमा दसौनी ने भारतीय जनता पार्टी से पूछा की क्या यही है मोदी का परिवार जहां न सभ्यता है ना संस्कार? नगर निगम देहरादून में सहत्रधारा ट्रेंचिंग ग्राउंड में कूड़ा निस्तारण को लेकर टेंडर होने थे जो कि लगभग 30 करोड़ के बताए जा रहे हैं, नगर निगम के द्वारा शॉर्ट लिस्टिंग में विधायक महेश जिना के बेटे को अनुपयुक्त पाया गया जिसको लेकर विधायक साहब आग बबूला हो गए और गली गलौच पर उतर आए।दसौनी ने कहा की आज प्रदेश का हाल अंधा बांटे रेवड़ी और अपने अपनों को दे वाला हो गया है।दसौनी ने कहा कि यह मामला न सिर्फ अनुशासनहीनता का है बल्कि भ्रष्टाचार का भी है ,प्रदेश की आम जनता को पता चलना चाहिए कि मंत्री विधायक अपने चाहेतो और बच्चों को किस तरह से बैक डोर से बड़े-बड़े काम सरकार में दिला रहे हैं। दसोनी ने कहा की नगर निगम के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं जिसका सीधे-सीधे मतलब है कि विधायक की करनी अब आम जनता भुगतेगी।