ये क्या हो रहा है CM साहब! नंबर ना आने पर अधिकारी ने डॉक्टरों को धमकाया, डॉक्टर ने सौंपा अपना इस्तीफा

उत्तरकाशी : उत्तराखंड में एक बाऱ फिर से अफसरशाही हावी दिखी। एक बार फिर से देवभूमि उत्तराखंड में अफसर का रौब भरा चेहरा देखने को मिला। जब नए सीएम पुष्कर धामी ने  मनमानी और रौब दिखाने वाले अफसरों को साफ चेतावनी दी है कि अपना व्यवहार सुधार लें वरना परिणाम भुगतना होगा लेकिन लगातार कई समय से अफसरों की मनमानी और रौब देखने को मिलता रहा है।

वीआईपी ट्रीटमेंट न दिए जाने पर धमकाया

ताजा मामला उत्तरकाशी का है जहां जिला चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर सुवेग सिंह ने ज़िला विकास अधिकारी(डीडीओ) संजय कुमार पर अभद्रता और धमकी देने का आरोप लगाया है और साथ ही डॉक्टर ने प्रमुख अधीक्षक को अपना इस्तीफा सौंपा दिया है। बता दें कि डॉक्टर का आऱोप है कि अधिकारी ने उसे वीआईपी ट्रीटमेंट न दिए जाने पर न केवल मौके पर जमकर हड़काया, बल्कि नंबर ना आने और डॉक्टर द्वारा थोड़ा इंतजार की बात कहने पर अधिकारी ने सस्पेंड करने की धमकी दे डाली।  डीडीओ की इन हरकतों से दहशत में आये डॉक्टर ने सीएमएस को लिखित इस्तीफा दे डाला। साथ ही मामले में डीएम और एसपी को कार्रवाई की मांग की गई।

वहीं इस मामले में पूर्व गंगोत्री विधायक विजयपाल सजवाण ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले में अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वरना धरना देने की चेतावनी दी है। डॉक्टर और पूर्व विधायक ने अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।  सीएमएस को लिखे गए इस्तीफे में जिला अस्पताल उत्तरकाशी के पीड़ित चिकित्सक डॉ सुवेग सिंह ने कहा कि 15 जुलाई की सुबह करीब 11 बजे वह ओपीडी में हार्ट के मरीज को देख रहे थे। तभी डीडीओ संजय कुमार का अर्दली उनके पास आया और बोला कि डीडीओ साहब आ रहे हैं। इस पर डॉक्टर ने थोड़ी देर इंतजार करने को कहा। डॉक्टर का कहना है कि उनके पास 30 से 40 लोग पहले ही लाइन में लगे थे। लेकिन डीडीओ साहब को डॉक्टर के रुकने की बात नागवार लगी और वह सीधे अंदर आ गए। डॉक्टर का आरोपी है कि डीडीओ साहब ने गुस्सा करते हुए उन पर भड़कते हुए अभद्रता पर उतर आए। डॉक्टर का आरोप है कि ओपीडी से बाहर जाने के बाद डीडीओ ने फोन कर डॉक्टर को देख लेने और सस्पेंड करने की धमकी दे डाली। इससे दहशत में आये डॉक्टर ने सीएमएस को सीधा अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके अलावा डीएम और एसपी को प्रतिलिपि भेज मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। बहरहाल डॉक्टर और डीडीओ के बीच घटित प्रकरण सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला चिकित्सालय में महामारी के इस कठिन दौर में 24 घंटे दिन-रात अपनी जान की परवाह किये बगैर चिकित्सकों ने देवदूत बनकर कोरोना मरीजों का उपचार किया है और आज भी कर रहे है। किंतु जिले के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा केवल अपना नंबर न आने पर एक डॉक्टर के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार करना अक्षम्य अपराध है, उन्हें अपने किये पर माफी मांगनी होगी। इस परिपेक्ष्य में उन्होंने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक से सकारात्मक प्रतिक्रिया के तहत कार्यवाही करने की मांग की है,उन्होंने कहा कि यदि उक्त संबंध मे  उचित कार्यवाही नही की गई तो उन्हें धरने पर बैठने हेतु बाध्य होना पड़ेगा।

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