रुद्रपुर : बड़ी खबर उधम सिंह नगर से आ रही है जहां सालों पुरानी एक मजार को रातों-रात पुलिस-प्रशासन ने जमींदोज कर दिया गया.आपको बता दें कि जनपद ऊधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर में हाइवे किनारे मासूम शाह मियां के नाम से एक मजार थी।
रुद्रपुर के व्यस्ततम चौराहे इंद्रा चौक पर उक्त मजार के चलते कई बार जाम लग जाया करता था। मंगलवार की तड़के भारी लाव लश्कर के साथ पुलिस और प्रशासन की टीम इंद्रा चौक पहुंची और उक्त मजार को कुछ ही पलों में हटाने की कार्रवाई शुरु कर दी।
पुलिस प्रशासन की कार्रवाई इतनी गुप्त थी कि किसी को भी इतनी बड़ी कार्रवाई की भनक नहीं लग सकी। सुबह लगभग साढ़े चार बजे इंद्रा चौक से मजार को हटाने के बाद मौके पर भारी पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। मजार को हटाने के बाद वहां पर सड़क चौड़ीकरण का काम कर दिया गया है। एंकर राष्ट्रीय राज मार्ग चौड़ीकरण में बाधक बनी अवैध मजार को हटाया।
देवभूमि के प्रवेश द्वार रुद्रपुर के इंदिरा चौक पर बनी अवैध मजार को राष्ट्रीय राजमार्ग और जिला प्रशासन ने हटा दिया। इस अवैध मजार को हटाने से पहले नोटिस जारी किया गया था।
जानकारी के मुताबिक एक ही नाम की कई अवैध मजारे होनी की सर्वे रिपोर्ट और राष्ट्रीय राज मार्ग के चौड़ीकरण में बाधक होने की वजह से इस अवैध मजार को हटाए जाने की कवायद पिछले कई दिनों से चल रही थी। इस नाम से यूपी में कई स्थानों पर फ्रेंचाइजी अवैध मजारे है।
आज सुबह तड़के की गई प्रशासनिक कार्रवाई में ये अवैध संरचना को हटाकर राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण ने मार्ग चौड़ीकरण का काम तत्काल शुरू कर दिया। प्रोजेक्ट के मुताबिक ये चौराहा व्यस्त यातायात की वजह से जाम से ग्रसित रहता था अब इसे चौड़ा करके 6 लाइन का बनाया जा रहा है।
उत्तराखंड के प्रवेश द्वार के पहले चौराहे और यहां खटीमा पानीपत और दिल्ली अल्मोड़ा हाईवे मिलता है होता है जिसकारण इस पर भारी यातायात चलता है।
इस अवैध मजार को हटाने से पहले पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा लगाई थी और विद्युत आपूर्ति बंद करके जेसीबी मशीनों की रौशनी पर काम किया और आधे घंटे में उक्त काम को पूरा कर सड़क चौड़ीकरण का काम शुरू कर दिया।
एडीएम पंकज उपाध्याय ने बताया कि एन एच के अभियंताओं ने उक्त मार्ग को चौड़ा करने में आ रही बाधाओं का जिक्र किया था जिस पर आज उनके द्वारा कार्रवाई की गई, रोड चौड़ी कर चौराहे पर यातायात के प्रेशर को कम किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड की धामी सरकार भी तक 534 ऐसी अवैध संरचनाओं को हटा चुकी है।