देहरादून : सीएम पुष्कर सिंह धामी भले ही खुद अपना चुनाव हार गए हैं। लेकिन वो भाजपा को जीत दिलाने में कामयाब रहे। भाजपा हाईकमान और दिग्गजों की नजरों में धामी की कीमत कम नहीं हुई है। भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने पार्टी की सत्ता में वापसी का पूरा श्रेय सीएम धामी को ही दिया है। धामी की हार के बाद भी जमकर तारीफ हो रही है। भाजपा कार्यकर्ता सीएम धामी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए दिखे और सीएम के साथ भाजपा की जीत का जश्न मनाते दिखे।
एक ऐसा युवा चेहरा जिसके बल पर भाजपा ने प्रदेश में चुनाव लड़ा
भले ही युवा चेहरा और युवा सीएम धामी हार गए लेकिन पार्टी उनका एहसान मानती है। जब राज्य में तख्ता पलट हुआ और त्रिवेंद्र रावत के बाद तीरथ रावत को सीएम की कुर्सी से हटाया गया तो एक ऐसा चेहरा जिसके बल पर प्रदेश में चुनाव लड़ा और जीता जा सकता था वो चेहरा पार्टी को युवा चेहरा सीएम धामी का लगा। सीएम धामी ने पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए जीजान लगा दी। दिन रात वो प्रचार प्रसार करते दिखे।कोरोना काल में और भरी ठंड में जहां कई प्रत्याशी घरों में दुबके थे तो वहां चुनाव की कमान धामी ने अपने कंधे में लेते हुए ये प्रण लिया था कि वो भाजपा को बहूमत से जिताएंगे। और हुआ भी ऐसी लेकिन उन्हें क्या पता था कि वो भी चुनाव हार जाएंगे। सीएम धामी की हार का कारण किसान आंदोलन और किसानों की मोदी सरकार के प्रति नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।
ये विधायक अपनी सीट छोड़ने को तैयार
वहीं बड़ी खबर बीजेपी से है। बता दें कि सीएम धामी के लिए चंपावत से विधायक कैलाश गहतौड़ी अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएम धामी कितने प्रिय हैं। सूत्रों के हवाले से तो खबर ये भी है कि भाजपा धामी को ही सीएम की कुर्सी पर बैठाएगी? देखने वाली बात होगी कि अब भाजपा किसे सीएम चेहरा घोषित करती है।