देहरादून : दस साल पहले की गयी हत्या की पहेली बना नागराज था। एसटीएफ एसएसपी की सटीक रणनीति से हत्या का राज खुला वो भी 10 सालबाद। जी हां बता दें कि हत्या का आरोपी मुम्बई के “पाया सूपवार” में सूप बेचता पकड़ा गया वो भी 10 साल बाद। हत्यारे नागराज को उत्तराखण्ड एसटीएफ के कमाण्डोज ने धराशायी कर दिया। अल्मोड़ा जिले के दस साल पुराने मफरूर को उत्तराखण्ड एसटीएफ खोज लाई।
एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुये बताया कि एसटीएफ उत्तराखण्ड की ईनामी और शातिर अपराधियों के विरुद्ध लगातार कार्यवाही जारी है और ऐसे सभी शातिर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजकर ही रहेगी जिनकी गिरप्तारी विगत कई सालों से पुलिस के लिये एक गुत्थी बन गयी है। इसके लिये एसटीएफ की टीमें लगातार विभिन्न राज्यों में अपनी छापामारी के साथ ऐसे अपराधियों के बारे में जानकारी एकत्रित कर रही है और उन्हें पकड़कर सलाखों के पीछे भेज रही है।
एसटीएफ एसएसपी ने बताया कि ऐसे ही 10 साल पहले हत्या की एक घटना थाना लमगढ़ जिला अल्मोड़ा में घटित हुई थी जिसमें हत्यारा नागराज उर्फ तिलकराज हत्या करके भाग गया था तथा जनपद अल्मोड़ा से मफरूर घोषित किया गया था। आरोपी नागराज उर्फ तिलकराज को उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा मुम्बई से गिरप्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड में लाकर आज थाना लमगढ़ा अल्मोड़ा में दाखिल किया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी पर पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमांयू परिक्षेत्र ने 20 हजार रूपये का ईनाम भी घोषित किया गया था।
एसटीएफ एसएसपी आयूष अग्रवाल ने इस मामले में आगे जानकारी देते हुये बताया कि 14 अक्टूबर 2014 में थाना लमगढ़ा जनपद अल्मोड़ा क्षेत्र में एक अज्ञात अधजला नरकंकाल पुलिस को बरामद हुआ था जिसकी शिनाख्त गुलाब सिंह पुत्र भादलूराम निवासी ग्रांम गवाली तहसील पधर, जिला मण्डी के रूप में उसके भाई अमर सिंह ने की थी।
गुलाब सिंह की हत्या के सम्बन्ध में पुलिस को जानकारी मिली कि 10 मार्च 2014 को गुलाब सिंह व नागराज उर्फ तिलकराज गांव कुन्दल तहसील पचर जिला मण्डी हि०प्र० लीसे के कार्य के लिये अल्मोड़ा आये थे। पुलिस को जानकारी मिली कि 18 सितम्बर 2014 को नागराज ने किसी बात को लेकर गुलाब सिंह की धारदार हथियार से हत्या करके शव की शिनाख्त छुपाने के लिये उसके मुंह को जलाकर घास के नीचे छिपा दिया और वापस अपने गांव चला गया था।
इस घटना में गुलाब सिंह की हत्या करने के शक के रूप में नागराज के विरूद्ध थाना लमगढ़ में हत्या का अभियोग पंजीकृत कराया गया। हत्यारोपी की जब स्थानीय पुलिद्रनै गिरप्तारी करनी चाही तो आरोपी अपने हिमाचल प्रदेश मण्डी जिले में स्थित निवास से फरार हो गया था। तत्कालीन अल्मोड़ा पुलिद्रने अभियुक्त की काफी तलाश की गयी लेकिन हत्यारोपी पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। पुलिस द्वारा उसके हिमाचल प्रदेश स्थित घर में कुर्की तक की गयी लेकिन अभियुक्त नागराज पुलिस की पकड़ से दूर ही रहा। लिहाजा अभियुक्त को जिला अल्मोड़ा कोर्ट द्वारा मफरूर घोषित किया गया ।
हत्यारोपी के पकडे जाने पर पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 2014 में उसने और मृतक गुंलाब सिंह द्वारा थाना लमगढ़ा अल्मोड़ा क्षेत्र में लीसा को निकालने का कार्य किया जा रहा था। दोनो की अच्छी दोस्ती थी, आपस में खाना पीना साथ करते थे, दोनों अलग अलग झोपड़ी में रहते थे। एक रात को दोनो खा-पी रहे थे तो गुलाब सिंह ने किसी बात में उसे गन्दी गाली दे दी तो इस बात पर उसने गुलाब सिंह की गर्दन पर वहीं पड़ी सरिया से वार कर दिया जिससे उसकी मौत हो गयी फिर उसके शव को पास के ही खेत में गड्डा खोदकर दबा दिया। शव को दबाने से पहले उसके चेहरे पर लीसा निकालने के लिये प्रयोग किये जाने वाले तेजाब से जला दिया था ताकि शव की पहचान न हो सके। फिर वहां से भागकर अपने गांव चला गया था। इसके बाद हत्यारोपीको गुलाब सिंह के शव पुलिस को बरामद होने और पुलिस में रिपोर्ट होने की जानकारी मिलने पर वह अपने गांव से भाग गया और मुम्बई चला गया वहां पिछले दस सालों में नाम व वेष बदल कर अलग अलग होटल और रेस्टो में काम कर रहा था। विगत तीन महीने से मुम्बई के एनटॉपहिल पुलिस स्टेशन एरिया के पास से पाया सूप बार में काम कर रहा था। जहां पर एसटीएफ टीम द्वारा गिरप्तारी की गयी है।
आरोपी की गिरप्तारी में मुम्बई पुलिस का भी सहयोग रहा है। आरोपी ने एसटीएफ की टीम को यह भी बताया कि वह अपना ठिकाना हर 06 महीने में बदल देता था ताकि पुलिस की पकड़ से दूर रहे वह कोरोना के समय अपने गांव आया था परन्तु परिजनों ने उसे दुबारा घर नहीं आने को कह दिया था। हत्यारोपी का परिवारजन अभी भी हिमाचल प्रदेश में गांव में ही रहते हैं। इस अभियुक्त की गिरप्तारी को एसटीएफ द्वारा एक चैलेन्ज के रूप में लिया था इसके लिये महीनों पहले एसटीएफ के दो कर्मचारी कैलाश नयाल और अर्जुन रावत को अभियुक्त नागराज की टोह लेने उसके गांव हिमाचल प्रदेश भेजा जहां पर उसके बारे में एसटीएफ को कुछ ठोस जानकारी हासिल हुयी कि वह इस समय मुम्बई में किसी होटल पर काम कर रहा है। इसके पश्चात एसटीएफ की टीम में नियुक्त कैलाश नयाल और अर्जुन रावत द्वारा मुम्बई में विगत काफी समय से अपना डेरा जमाकर अभियुक्त के बारे में मैनुवली सूचनायें एकत्रित की गयी और उसकी गिरप्तारी सुनिश्चित की गयी।
गिरप्तार अभियुक्त का नाग-
नागराज उर्फ तिलकराज सिंह निवासी ग्राम पुन्दल, पो० गवाली तहसील पधर, जिला मण्डी हिमाचल प्रदेश।
एसटीएफ की टीम-
> निरीक्षक यशपाल विष्ट।
> उ०नि० धमेन्द्र रौतेला
➤ हे०कां० कैलाश नयाल
> हे०कां० विरेन्द्र नौटियाल
> कां० अनिल कुमार
> कां० अर्जुन सिंह रावत
> कां० अनूप भाटी।
> का० देवेन्द्र कुमार