संविधान से खिलवाड़ को अपना मौलिक अधिकार समझती रही कांग्रेस, कांग्रेस की ये यात्रा झूठी– मधु भट्ट* ।

पौड़ी – भारतीय जनता पार्टी ने पौड़ी जिले के श्रीनगर मंडल कार्यालय में कांग्रेस के द्वारा संविधान बचाओ यात्रा के विरुद्ध एक प्रेस की जिसमें दायित्व धारी राज्य मंत्री मधु भट्ट ने बताया कि कांग्रेस संविधान बचाओ यात्रा निकाल रही है लेकिन कांग्रेस ने हमेशा संविधान से खिलवाड़ किया है और इस खिलवाड़ को उन्होंने अपना मौलिक अधिकार समझा मधु भट्ट ने कहा जवाहरलाल नेहरू ने 16 बार ,इंदिरा गांधी ने 31 बार और राजीव गांधी ने 11 बार संविधान बदले हैं ।

दायित्व धारी राज्य मंत्री मधु भट्ट ने प्रेस के माध्यम से बताया कि कांग्रेस कार्यकाल में आपातकाल ,संविधान से छेड़छाड़ की कोशिश, संविधान दिवस का विरोध, राहुल गांधी ने संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश की , कांग्रेस ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाये ,कैग को कटघरे में खड़ा करना ,कांग्रेस ने तो सेना को भी नहीं बक्शा क्योंकि उनके द्वारा आर्मी चीफ बिपिन रावत को सड़क का गुंडा तक कह दिया था ,नीति आयोग के गठन पर भी उन्होंने सवाल उठाए, राफेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के बयान को ही बदल दिया बाद में भले ही उनको माफी मांगनी पड़ी थी , शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल डाला ,धारा 356 का दुरुपयोग किया गया ,महाभियोग पर कांग्रेस की आपातकाल मानसिकता देखने को मिली, मक्का ब्लास्ट मामले में हाई कोर्ट के निर्णय पर सवाल खड़े करना , राष्ट्रपति का अपमान करना , कांग्रेस द्वारा उपराष्ट्रपति की मिमिक्री की गई 19 दिसंबर को संसद परिषद में ईडी गठबंधन के नेताओं ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्रि कर देश की गरिमा को तार-तार किया , राहुल गांधी ने जुलाई 2013 में अपनी ही यूपीए सरकार के एक अध्यादेश को प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़ दिया, गांधी फैमिली के लिए अलग कानून होने की बात कही , कांग्रेस ने तीन तलाक का भी विरोध किया , कांग्रेस हमेशा अल्पसंख्यकों पर राजनीति करती है ।

राज्य मंत्री मधु भट्ट ने कहा कि कांग्रेस की संविधान बचओ यात्रा झूठी है इसीलिए अनेक तथ्यों के साथ उनके द्वारा यहां पर प्रेस रखी गई ।

प्रेस में भाजपा जिला मीडिया प्रभारी गणेश भट्ट, श्रीनगर मंडल अध्यक्ष विनय घिल्डियाल, व्यापार सभा जिला अध्यक्ष वासुदेव कंडारी ,दिव्यांशु चमोली आदि लोग मौजूद रहे – गणेश भट्ट जिला मीडिया प्रभारी भाजपा ,पौड़ी गढ़वाल ।

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