कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा‌ दसौनी ने लिखा महिला आयोग को पत्र, बसंत विहार थानाध्यक्ष और पुलिस की‌ शिकायत की, कहा- रात 1 बजे नोटिस देने पहुंची पुलिस

कांग्रेस की मुख्य प्रस्ताव गरीब रथ सोनी ने महिला आयोग को पत्र लिखकर वसंत विहार थानाध्यक्ष और पुलिस की शिकायत की है। उन्होंने पत्र में लिखा की वसंद विहार पुलिस रात 1:00 नोटिस देने उनके घर पहुंची वो भी बिना महिला पुलिस के जिससे आस-पड़ोस के लोगों की नजरों में उनकी छवि धूमिल हुई है.

सेवा में,

अध्यक्ष

महिला आयोग

उत्तराखण्ड देहरादून।

महोदया,

आपका ध्यान दिनांक 17 अगस्त 2024 को पुलिस प्रषासन द्वारा दिये गये नोटिस की ओर आकृश्ट कराना चाहती हूूॅ। विगत दिनों जनपद उधमसिंहनगर में हुए महिला नर्स के साथ बलात्कार एवं हत्या के विरोध में राज्य सरकार के पुतला दहन कार्यक्रम का आह्वाहन एवं नेतृत्व महानगर महिला कांग्रेस कमेेटी द्वारा किया जाना था। उत्तराखण्ड प्रदेश मीडिया की मुख्य प्रवक्ता होने के नाते मेंरे द्वारा उक्त कार्यक्रम की सूचना मीडिया बन्धुओं को दी गई थी। इस संबंध मेें थानाध्यक्ष, बसन्त विहार द्वारा मुझे नोटिस दिया जाना सर्वथा अनुचित है।

महोदया, उक्त नोटिस वसन्त विहार थानाध्यक्ष द्वारा मुझे 16 अगस्त 2024 को रात्रि 1.00 बजे भेजा जो पुलिस की टीम जो घर आई उनके साथ कोई महिला पुलिस मौजूद नही थी इसलिए मैंने उनसे मुलाकात नहीं की और नोटिस भी प्राप्त नहीं किया। मेरे द्वारा उक्त प्रकरण की षिकायत दूरभाश पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहराूदन से की गई जिस पर मुझे कप्तान द्वारा आष्वासन दिया गया कि कार्रवाही सुबह की जायेगी। दूसरे दिन सुबह पुनः पुलिस के सिपाही 6.30 बजे मुझे नोटिस देने मेरे घर पहॅुच गई। महोदया, आधी रात को घर पर पुलिस देख मेरे परिवार में हडकम्प मच गया और आस पडोस में भी मेरी छवि धुमिल हुई है।

महोदया, मैं अपने 94 वर्षीय वृद्व एवं बीमार ससुर जी औल शारीरिक रूप से 80 प्रतिशत विकलांग पुत्री के साथ अकेली रहती हॅू। यह पुलिस प्रशसन की घोर सवैंदनहीनता है जो रात 1.00 बजे मुझे व मेरे परिवार को मानसिक रूप से उत्पीड़न किया गया। इस संबंध में कार्रवाही किये जाने हेतु मेरे 17 अगस्त 2024 दोपहर 01.30 बजे एक षिकायती पत्र पुलिस महानिदेषक उत्तराखण्ड एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेषक (कानून व्यवस्था) को सौंपा गया एवं रात्रि की सी.सी टी.बी. फुटेज दिखाई गई। उक्त दोनोें ही वरिष्ट अधिकारियों द्वारा मुझे पुलिस के इस संवेदनहीन कृत्य के लिए अफसोस एवं नाराजगी जाहिर की गई तथा षीघ्र कठोर कार्रवाही करने हेतु आष्स्वत किया गया था। परन्तु आज दिनांक 19 अगस्त 2024 तक भी उक्त संबंध में कोई समुचित कार्रवाही नही की गई है।

अतः मजबूर होकर मुझे एक महिला होने के नाते आपसे अनुरोध करना है कि उक्त प्रकरण के संबंध में ’’थानाध्यक्ष बसन्त बिहार की बर्खास्तगी’’ सुनिष्चित की जाय ताकि भविश्य में किसी भी महिला को मेरी तरह मांनसिक वेदना ना झेलनी पड़े।

भवदीर

गरिमा माहरा दसौनी

मुख्य प्रवक्ता

नोटः- आपके द्वारा यदि रात्रि की सी.सी.टी.बी. फुटेज का अवलोकन करने हेतु मुझे बुलाया जायेगा मैं उपस्थित रहॅूगी।

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