नए साल पर उत्तराखंड में पहला पेपर हुआ जिसे एक बार फिर से उत्तराखंड में हर समस्या और जिन बच्चों ने मेहनत से पटवारी लेखपाल की परीक्षा दी थी वह परेशान है। पटवारी लेखपाल की परीक्षा 8 जनवरी को हुई थी। एसटीएफ ने चार आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया है जिसमें से एक आयोग का अधिकारी है जिसमें पेपर की फोटो खींचकर अन्य उपलब्ध कराई थी वही अब उसने कई और राज उगले हैं।
नौकरियों का सौदागर संजीव चतुर्वेदी उत्तराखंड लोकसेवा आयोग में रहकर साल 2018 से भर्तियों में घोटाला करता आ रहा है जिसकी किसी को भनक नही लगी। एसटीएफ की जांच में लेखपाल-पटवारी भर्ती के अलावा तीन अन्य भर्तियों के पेपर लीक कर बेचने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें जेई, एई और प्रवक्ता भर्तियां शामिल हैं। इनके पेपर के लिए संजीव ने 30 से 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लिए हैं। एसटीएफ इन भर्तियों में हुए खेल का भी जल्द खुलासा कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ की गिरफ्त में आते ही संजीव चतुर्वेदी ने अपने सारे राज उगल दिये। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संजीव ने बताया कि उसने सिर्फ यही पेपर लीक नहीं कराया था बल्कि यह काम तो वह बीते चार साल से करता आ रहा है। उसने तीन भर्तियों के नाम लिए। इनमें अवर अभियंता (जेई), सहायक अभियंता (एई) और प्रवक्ता भर्ती शामिल है। ये सारी भर्तियां 2021 में हुई थी.नइके रिजल्ट आ चुके हैं।
एसटीएफ की शुरुआती जांच में पता चला है कि इनमें एई के पेपर के लिए 50 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी लिए गए। जबकि, जेई और प्रवक्ता के लिए प्रति अभ्यर्थी 30 से 35 लाख रुपये वसूल किए। एसटीएफ इन अभ्यर्थियों तक भी पहुंचने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि इन भर्तियों में शामिल हुए नकलची अभ्यर्थियों के रिजल्ट भी रद्द करा दिए जाएंगे। साथ ही एसटीएफ इन सभी को भी मुल्जिम बना सकती है।
कितने अभ्यर्थी किस परीक्षा में
एसटीएफ ने अब तक अभ्यर्थियों की संख्या की भी तस्दीक कर ली है। जेई भर्ती में तीन अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदकर परीक्षा दी थी। जबकि, एई के लिए पांच अभ्यर्थियों ने पेपर खरीदा था। प्रवक्ता पद के लिए अब तक एसटीएफ तीन अभ्यर्थियों के नामों की पुष्टि कर चुकी है। बताया जा रहा है कि इनकी संख्या और भी हो सकती है। यदि संख्या ज्यादा हुई तो एसटीएफ इन परीक्षाओं को रद्द करने के लिए भी पत्र भेज सकती है।