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उत्तराखंड STF को बड़ी कामयाबी, फर्जी ट्रस्ट व कम्पनी बनाकर साइबर अपराध करने वाला शातिर आरोपी गिरफ्तार, भारी मात्रा में दस्तावेज़ व उपकरण बरामद

देहरादून : एसटीएफ ने फर्जी ट्रस्ट/कम्पनी बनाकर साइबर अपराध करने वाले शातिर अभियुक्त को गिरफ्तार किया और साथ ही भारी मात्रा में दस्तावेज़ व उपकरण बरामद किया। एसटीएफ की साइबर क्राइम पुलिस टीम के द्वारा एक वरिष्ठ नागरिक के साथ हुई साइबर धोखाधडी के प्रकरण का खुलासा किया है।

कब्जे से बरामद मोबाइल फोन की जाँच में टेलीग्राम एप पर बैंक खातों व पैसों के लेन-देन से संबंधित संदिग्ध चैट, कम्बोडिया व थाइलैण्ड आदि अन्तर्राष्ट्रीय गिरोह से तार जुड़े हैं। अभियुक्त Shree Shiv Shyam Sewa Trust नाम से बैंक खाता संचालित कर रहा था, जिसका उपयोग विभिन्न साइबर अपराधों एवं धोखाधड़ी में किया गया है।ठगी के लिये फर्जी फ्लैक्सी, स्टैम्प व दस्तावेज बनाकर वैधता का झूठा आभास दिया जाता है।

आरोपी 59 लाख की धोखाधड़ी में एफआईआर 1408/25 साइबर अपराध पुलिस स्टेशन हैदराबाद से भी जुड़ा हुआ है।अभियुक्त के खाते का उपयोग साइबर क्राइम थाना हैदराबाद (अपराध सं. 1408/2025) एवं थाना कोखरज, जनपद कौशाम्बी (उ0प्र0) में दर्ज मामलों में भी होना पाया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिये अभियुक्त द्वारा अलग-अलग पते दर्शाकर फर्जी आधार कार्ड तैयार किये हुये थे व लगातार अपने ठिकाने बदले जाते थे।

गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त के कब्जे से 05 चैक बुक, 03 स्टैम्प,03 पैन कार्ड, 02 आधार कार्ड (अलग-अलग पते दर्शाते हुए), डेबिट कार्ड, 03 ट्रस्ट/कम्पनियों की फ्लैक्सी, 01 मोबाइल फोन (मय सिम) व 02 अतिरिक्त सिम कार्ड, 03 ट्रस्ट डीड बरामद* हुई है।

एसटीएफ एसएसपी नवनीत सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि कुछ समय पूर्व एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें कैनाल रोड देहरादून निवासी एक वरिष्ठ नागरिक द्वारा साइबर थाने पर दी गयी तहरीर के अनुसार अज्ञात साइबर ठगों द्वारा वादी को फेसबुक लिंक के माध्यम से Abhinandan Stock Broking Pvt. Ltd. / ASB Invest & Grow से संबंधित व्हाट्सएप ग्रुप “11-Start up Multiple Growth VIP Group” में जोडकर शेयर ट्रेडिंग, IPO/FPO आदि में मोटा लाभ दिलाने का लालच दिया गया, जिस पर वादी के द्वारा उनके कहने पर Google Play Store से एक ASBPL नामक मोबाइल एप डाउनलोड किया गया व दिनांक 10.06.2025 से 05.08.2025 के बीच विभिन्न खातों में कुल लगभग ₹44,50,000/- (चवालीस लाख पचास हजार रुपए) स्थानांतरित किए वादी का आरोप है कि उपरोक्त व्यक्तियों/संस्थाओं ने षड्यंत्रपूर्वक झूठे आश्वासन व फर्जी मोबाइल एप के माध्यम से भारी-भरकम राशि हड़प ली, जिससे वादी को ₹44.50 लाख का आर्थिक नुकसान हुआ। इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 36/25 धारा 318(4), 61(2) बीएनएस व 66डी आई0टी0 एक्ट बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया।

सीनियर सिटीजन के साथ हुये साइबर ठगी के इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये एसटीएफ एसएसपी के दिशा निर्देशन में पर्यवेक्षण अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा के निकट पर्यवेक्षण में अभियोग की विवेचना निरीक्षक अनिल कुमार साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून के सुपुर्द कर एक विशेष टीम का गठन कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।

टीम द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुये घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबरों, बैंक खातों, व्हाट्सएप व मैसेंजर चैट्स एवं संबंधित बैंकों, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स, एवं मेटा कंपनी से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया एवं घटना में संलिप्त अभियुक्तों को चिन्हित कर दबिशें दी गयी तथा अनावरण हेतु ठोस प्रयास के उपरान्त घटना का खुलासा करते हुये अभियोग के मुख्य अभियुक्त अजय त्रिपाठी को जनपद गाजियाबाद उ0प्र0 से गिरफ्तार किया गया जिसके कब्जे से 05 चैक बुक (भिन्न-भिन्न बैंक खातों से सम्बंधित), 03 स्टैम्प (Saraswati Foundation, XMPS Estate Impex Pvt. Ltd. आदि के), 03 पैन कार्ड (फर्जी विवरण सहित), 02 आधार कार्ड (अलग-अलग पते दर्शाते हुए), 01 डेबिट कार्ड (YES Bank), 03 ट्रस्ट/कम्पनियों की फ्लैक्सी (Shree Shiv Shyam Sewa Trust, Saraswati Foundation, XMPS Estate Impex Pvt. Ltd.), 01 मोबाइल फोन (मय सिम) व अतिरिक्त 02 सिम कार्ड, 03 ट्रस्ट डीड (Shree Shiv Shyam Sewa Trust, Saraswati Foundation एवं XMPS Estate Impex Pvt. Ltd.) बरामद हुये।

अभियुक्त से पूछताछ व बरामद मोबाइल फोन चैक करने पर उक्त मुख्य आरोपी की टेलीग्राम चैट पर बैंक खातों व पैसों के लेन-देन से संबंधित संदिग्ध चैट पायी गयी हैं तथा *अभियुक्त के कम्बोडिया व थाइलैण्ड के अन्तर्राष्ट्रीय गिरोह से सम्पर्क प्रकाश में आया।

गिरफ्तार अभियुक्त Shree Shiv Shyam Sewa Trust नाम से बैंक खाता संचालित कर रहा था, जिसका उपयोग विभिन्न साइबर अपराधों एवं धोखाधड़ी में किया गया है। पूछताछ में अभियुक्त ने स्वीकार किया कि उसने लालच में आकर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड एवं ट्रस्ट/कम्पनियाँ बनाकर उनके नाम से बैंक खाते खोलकर साइबर ठगी में प्रयोग करता रहा। अभियुक्त द्वारा अपने सहयोगी अपराधियों के साथ मिलकर वादी को फेसबुक लिंक के माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप में जोडा गया जहां शेयर ट्रेडिंग, IPO/FPO आदि में मोटा लाभ दिलाने का लालच देकर एक ASBPL नामक मोबाइल एप डाउनलोड कराया गया जिसके माध्यम से पैसा इन्वेस्ट कराने के नाम पर षडयंत्र के तहत मोटा मुनाफा कमाने हेत पूर्ण विश्वास में लेकर विभिन्न खातों में कुल लगभग ₹44,50,000/- (चवालीस लाख पचास हजार रुपए) स्थानांतरित करा लिये गये।

गिरफ्तार अभियुक्त का नाम पता

अजय कुमार त्रिपाठी पुत्र डी0के0 त्रिपाठी निवासी J-32 इन्द्रा नगर नियर हनुमान मन्दिर थाना इन्द्रा नगर जनपद लखनऊ उत्तर प्रदेश हाल पता 869 बी, न्याय खण्ड 2, थाना इन्दिरापुरम जनपद गाजियाबाद उत्तर प्रदेश व हाल पता एफ 16 बिशनपुरा सैक्टर 58 नोएडा जनपद गौतम बुद्ध नगर उत्तर प्रदेश उम्र 28 वर्ष

बरामदगी

05 चैक बुक (भिन्न-भिन्न बैंक खातों से सम्बंधित), 03 स्टैम्प (Saraswati Foundation, XMPS Estate Impex Pvt. Ltd. आदि के), 03 पैन कार्ड (फर्जी विवरण सहित), 02 आधार कार्ड (अलग-अलग पते दर्शाते हुए), 01 डेबिट कार्ड (YES Bank), 03 ट्रस्ट/कम्पनियों की फ्लैक्सी (Shree Shiv Shyam Sewa Trust, Saraswati Foundation, XMPS Estate Impex Pvt. Ltd.), 01 मोबाइल फोन (मय सिम) व अतिरिक्त 02 सिम कार्ड, 03 ट्रस्ट डीड (Shree Shiv Shyam Sewa Trust, Saraswati Foundation एवं XMPS Estate Impex Pvt. Ltd.)

पुलिस टीम

1- निरीक्षक अनिल कुमार

2- उप निरी0 राजेश ध्यानी,

3-हेड कानि0 पवन कुमार

4-कानि0 पवन पुण्डीर

एसटीएफ एसएसपी नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि ऑनलाईन जॉब अथवा इन्वेस्टमेण्ट/ट्रेडिंग हेतु किसी भी फर्जी वेबसाईट, मोबाईल नम्बर, लिंक आदि का प्रयोग ना करें। गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु आवेदन करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें, सोशल मीडिया या ईमेल पर आने वाले संदिग्ध मैसेज व लिंक पर क्लिक न करें, कोई अनजान लिंक या एप्लिकेशन डाउनलोड न करें। तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ पाने के लालच में आकर इन्वेस्ट ना करें व किसी भी प्रकार का कोई शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन, साइबर सैल या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें। साइबर अपराध की किसी भी घटना पर तुरंत 1930 टोल-फ्री नंबर पर कॉल करें अथवा www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।

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