बड़ी खबर : खतरे में ऋषिकेश मेयर शंभू पासवान की कुर्सी! DM करेंगे जाति प्रमाण पत्रों की जांच, ये है पूरा मामला

ऋषिकेश से बड़ी खबर है। ऋषिकेश मेयर की कुर्सी खतरे में है। आज ऋषिकेश के जाति प्रमाण पत्रों की जांच होगी।

मेयर ऋषिकेश शम्भू पासवान को जारी जाति प्रमाण पत्र की जांच को लेकर आज देहरादून जिलाधिकारी उपजिलाधिकारी ऋषिकेश और सम्बंधित विभागों के अधिकारी के साथ बैठक करेंगे, जिसके तहत शिकायतकर्ता एवं नवनिर्वाचित महापौर नगर निगम ऋषिकेश के प्रमाण पत्र की जांच होनी है।

आपको बता दें कि हाईकोर्ट के जस्टिस रवींद्र मैठाणी की पीठ ने ऋषिकेश के मेयर शंभु पासवान के खिलाफ दायर एक याचिका का निस्तारण करते हुए देहरादून डीएम को आदेश दिये हैं कि शंभू पासवान के जाति प्रमाण पत्र और उनके चुनाव लड़ने की वैधानिकता को तय करें,डीएम को यह फैसला चार सप्ताह में करना होगा।

हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में दावा किया गया कि पासवान ने चुनाव लड़ने के लिए खुद को अनुसूचित जाति का बताया था जबकि अन्य क्रियाकलापों में वह सामान्य जाति का दर्शाते है। याचिका में मांग की गयी कि इस आधार पर शंभू पासवान के रिकार्ड की जांच की जाए।

ये है पूरा मामला

दरअसल ऋषिकेश से निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश चंद्र मास्टर ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि ऋषिकेश के निर्वाचित मेयर शंभु पासवान ने चुनाव लड़ते समय खुद को अनुसूचित जाति का बताया था. जबकि अन्य दस्तावेजों में वे सामान्य जाति के रूप में दर्ज हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य गठन से कुछ समय पहले ही पासवान ने अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाया और 2016 में उसी आधार पर नया प्रमाणपात्र जारी करवाया है.

ऋषिकेश मेयर शंभु पासवान की जा सकती है कुर्सी!?

याचिका में ये भी आरोप लगाए हैं कि जिलाधिकारी को इसकी शिकायत की थी. बावजूद उन्होंने मामले की जांच नहीं की गई. सूचना के अधिकार के तहत भी संबंधित रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराए गए. बता दें जांच में अगर पासवान पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं तो शंभु पासवान को मेयर की कुर्सी से हाथ धोना पड़ सकता है.

वहीं अपने पक्ष में शंभु पासवान ने कहा है कि ये विवाद जमीन की रजिस्ट्री से उपजा है. जो साल 2002 में हुई थी, जिसमें गलती से सामान्य जाति लिखा गया है. उनका दावा है कि यह रजिस्ट्री करने वालों की त्रुटि थी और सभी अन्य दस्तावेजों में उनका नाम शंभु पासवान के रूप में ही दर्ज है. उन्होंने इसे एक छोटा मामला बताया है, जिसे बेवजह तूल दिया जा रहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *