अभी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा मारपीट प्रकरण ठंडा भी नहीं पड़ा था की 5 मई को धर्म नगरी ऋषिकेश के एक रसूखदार द्वारा बालिग के साथ छेड़ छाड़ का मामला प्रदेश में तूल पकड़ता जा रहा है। इसी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने मुख्य आरोपी राकेश अग्रवाल पर कड़ा हमला बोला है। दसोनी ने कहा यह हमारे प्रदेश के लिए विडंबना ही है कि आज उत्तराखंड राज्य आज हर बुरे काम के लिए राष्ट्रीय पटल पर सुर्खियां बटोर रहा है ।
गरिमा दसोनी ने कहा के महिलाओं के प्रति अपराध है कि रुकने के बजाय धामी राज में बढ़ते ही चले जा रहे हैं और ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि क्योंकि धामी सरकार का महिला अपराध या महिला सुरक्षा की ओर कोई फोकस ही नहीं है ना इस और कोई कदम उठाया जा रहा है ।
गरिमा दसोनी ने कहा की अंकिता हत्याकांड में जिस तरह से आरोपियों का बचाव किया जा रहा है और पूरे मामले की लीपापोती की जा रही है उससे हवस के भूखे लोगों के मंसूबे और बढ़ते चले जा रहे हैं, अपराधियों के अंदर सरकार या पुलिस प्रशासन का डर खत्म होता चला जा रहा है ।
गरिमा दसोनी ने कहा कि हम सबके लिए यह बहुत ही शर्मनाक और उत्तराखंड के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीर्थ नगरी ऋषिकेश में राकेश अग्रवाल जो कि पूर्व में मंडी समिति का अध्यक्ष रह चुका हैं, त्रिवेंद्र सरकार में वन विकास निगम का सदस्य रह चुका हैं और वर्तमान में रोटरी क्लब का अध्यक्ष है उसने एक ऐसी युवती का यौन शोषण किया जो उन्हें बचपन से ताऊ जी कहकर बुलाती थी।
गरिमादसोनी ने कहा कि राकेश अग्रवाल जैसे लोग सभ्य समाज में रहने लायक नहीं हैं। दसौनी ने विज्ञप्ति के माध्यम से सुबे के मुख्या और माननीय उच्च न्यायालय से इस पूरे प्रकरण का स्वतः संज्ञान लेने और उस बालिग बच्ची जो कि शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रही है और बेहद सदमे में है उसको और उसके परिवार को न्याय देने का निवेदन किया है। दसौनी ने कहा की इतने विभत्स कांड के चर्चा में होने के बावजूद अभी तक महिला आयोग की अध्यक्ष की ओर से कोई बयान न आना जबकि आयोग की अध्यक्ष ऋषिकेश से ही ताल्लुक रखती है अपने आप में बताता है कि भाजपा राज में महिला अपराध के प्रति उत्तराखंड सरकार और शासन प्रशासन का या आयोगों का कितना सख्त रवैया है।
दसोनी ने कहा कि आरोपित व्यक्ति राजनीति में सक्रिय है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह किस दल का है। ऐसे लोग सिर्फ वहशी दरिंदे होते हैं जिन्हें उनके किए की सजा मिलनी चाहिए। दसोनी ने कहा कि ऐसे लोगों का ना कोई परिवार होता है ना कोई दल और ऐसे लोग समाज के लिए एक बदनुमा दाग है जिन्हें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी को लानत भेजनी चाहिए, दसोनी ने उत्तराखंड की जनता का भी आह्वान करते हुए कहा कि हमें इस तरह के दरिंदों को सजा दिलवाने के लिए और पीड़िता को न्याय दिलवाने के लिए एकजुट होकर आवाज उठाने की जरूरत है।
गरिमा दसोनी ने धामी सरकार से अपेक्षा करी की हर बार की तरह पहाड़ की बेटी को न्याय नकारा नहीं जाएगा।
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