कभी साइकिल से स्कूल जाते थे धामी, अब चलाएंगे पूरा राज्य, दोबारा CM बनकर तोड़े दो मिथक

देहरादून :  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सिर पर एक बार फिर से सीएम का ताज सज गया है। हार कर भी हाईकमान ने उन्हें सीएम का ताज पहनाया है। सीएम धामी ही है जो बाजीगर हैं क्योंकि वो हार कर भी जीते हैं. औऱ हारकर जीतने वाले को ही बाजीगर कहते हैं. अब शपथ ग्रहण की तैयारी है। लेकिन क्या आप उनके जीवन के बारे में जानते हैं कि उन्होंने कितना संघर्ष किया और यहां तक पहुंचे।

आपको बता दें कि पुष्कर धामी बचपन से ही काफी मेहनती थे। पुष्कर सिंह धामी के बचपन के साथी और राज्य सहकारी बैंक में मैनेजर मनोज सिंह राणा  ने बताया कि उन लोगों ने हाईस्कूल से आगे की पढ़ाई थारू राजकीय इंटर कॉलेज से की। जब वह 12वीं के छात्र थे तो पुष्कर ग्यारहवीं के छात्र थे। उन दिनों सड़कें बहुत खराब थीं और जंगल का रास्ता था। आने जाने के लिए साइकिल ही एक मात्र सहारा थी। तब हम सारे गांव के लड़के पुष्कर के घर के आगे पुल पर इक्कट्ठा होते थे और यहां से साइकलि से एक साथ कॉलेज जाते थे। ये उनका रुटीन था। उन दिनों हम साइकिल इतनी तेज चलाते थे कि लोहियाहेड की स्कूल बस को कभी अपने से आगे नहीं निकलने देते थे।

बताया कि  11वीं में धामी के साथ पढ़ाई करने वाले प्रकाश चंद्र पंत इस समय कंजाबाग चौराहे में किराने की दुकान चलाते हैं। बताया ति धामी पढ़ाई में होशियार थे। उनमे एक खासियत बचपन से ही है वो घुल मिल जाते हैं औऱ सबसे दोस्ती कर लेते थे।

उन्होंने क्लास मॉनीटर बनने का बहुत शौक था। इसके अलावा उन्हें घूमने और पहाड़ी भोजन बहुत अच्छा लगता था। ग्यारहवीं और बारहवीं में धामी के साथ पढ़े वर्तमान में मंडी चेयरमैन नंदन सिंह खड़ायत कहते हैं कि धामी में बचपन से ही टीम भावना थी।

वह सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे कॉलेज में उनका कभी किसी से झगड़ा नहीं हुआ। धामी हर समय अपने साथी छात्रों की मदद में आगे रहते थे। यहां तक कि वह अपने साथी छात्रों की गलतियों को भी टीचर से स्वयं माफी मांगकर एक लीडर की तरह काम करते थे।

दोबारा सीएम बनकर तोड़े दो मिथक
पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा मुख्यमंत्री बनकर दो मिथक तोड़े हैं। यह पहली बार होगा जब कोई मौजूदा मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार इस पद को संभालेगा। इसके अलावा अब तब यह मिथक भी था कि सिटिंग सीएम चुनाव हार जाता है। हालांकि, इसे तोड़ने में धामी नाकाम रहे। इससे पूर्व एनडी तिवारी ने सीएम रहते चुनाव नहीं लड़ा था। इसके बाद भाजपा से सीएम बने भुवन चन्द्र खंडूड़ी मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए चुनाव हार गए थे। इसके बाद कांग्रेस सरकार में सीएम रहे हरीश रावत दो सीटों पर चुनाव हारे और इस चुनाव में धामी को अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा से हार का सामना करना पड़ा था।

पत्नी-गीता धामी
पुत्र: दिवाकर और प्रभाकर

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