उत्तराखंड : मैक्स लाइफ पॉलिसी के नाम पर 1 करोड़ 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का अन्य सदस्य दिल्ली से गिरफ्तार।

देहरादून : एसटीएफ को बडी़ सफलता हासिल हुई है. पोलिसी निवेश के नाम पर 1.30 करोड़ से अधिक धनराशि की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का अन्य सदस्य दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.

बता दें कि उत्तराखंड में  साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. लोगों को साइबर अपराधियों से बचाने और ठगी करने वालो पर सख्ती कार्यवाही कर पुलिस महानिदेशक द्वारा एसटीएफ व साइबर पुलिस को प्रभावी कार्यवाही के दिशा निर्देश दिये हैं।वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने के लिए अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है।

वहीं ठगों द्वारा मैक्स लाईफ पोलिसी में समस्या बताकर ठीक करने व निवेश करने के नाम पर करोडों रुपये की धोखाधडी की जा रही है. इसी क्रम में एक मामला साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें शिकायतकर्ता विनोद कुमारी बंसल के साथ अज्ञात अभियुक्तो द्वारा स्वंय को मैक्स लाईफ इन्सोरेन्स कम्पनी से बताते हुए शिकायतकर्ता से विभिन्न नम्बरों से सम्पर्क कर पोलिसी में समस्या बताते हुए उक्त समस्या को ठीक करने के लिए बैंक डिटेल प्राप्त कर पैसो की मांग करना और टेंडर” में इन्वेस्ट कर लाभ कमाने का लालच 1 करोड़ 30 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त करने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर मुकदमा दर्ज किया गया और िवेचना साइबर थाने के निरीक्षक श्री देवेन्द्र नबियाल के सुपुर्द की गयी।

विवेचक द्वारा दौराने विवेचना पीड़िता के साथ 1.30 करोड रुपये की धोखाधड़ी होने की पुष्टि हुई है।*श अभियोग में अभियुक्त के विरुद्ध कार्यवाही हेतु घटित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर और अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आया कि शिकायतकर्ता की धनराशि दिल्ली में स्थानान्तरित हुयी है के आधार पर टीम को दिल्ली भेजा गया।

पुलिस ने अभियुक्तो द्वारा पीडिता को जिस नम्बर से कॉल की गयी उस मोबाईल नम्बर की जानकारी करते हुए और धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि जिस खाते में स्थानान्तरित हुई उसके लाभार्थी खाताधारक की जानकारी प्राप्त की गयी. खाते का खाताधारक के सम्बन्ध में साक्ष्य एकत्रित करते हुए अभियोग में मुख्य आरोपी मनीष पाल पुत्र मदन लाल निवासी RZQ-15 निहाल विहार थाना निहाल विहार नागलोई पश्चिमि दिल्ली से गिरफ्तार कर अभियोग से सम्बन्धित दो अदद मोबाईल फोन बरामद किये गये थे।

इसके उपरान्त अन्य साक्ष्य एकत्रित व विश्लेषण करते हुये अभियोग में अन्य अभियुक्त राहुल पाण्डे पुत्र साधू प्रसाद पाण्डे निवासी RZF निहाल विहार थाना निहाल विहार नागलोई पश्चिमि दिल्ली को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक मोबाईल फोन मय सिम कार्ड व अभियुक्त का आधार कार्ड व ड्राईविंग लाईसेन्स तथा एक एटीएम कार्ड बरामद किये गये।निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल द्वारा अब तक की विवेचनात्मक कार्यवाही से धारा 120बी,467,468,471 भादवि की बढ़ोत्तरी की गयी।

अपराध का तरीका

साईबर पीड़ित महिला ने बनाया कि उन्होंने 2017 में 10 वर्ष की मैक्स लाईफ इन्सोरेन्स पोलिसी खरीदी गयी , जिसकी मैच्यूरिटी वर्ष 2027 में पूर्ण होनी थी। इसी दौरान वर्ष 2022 में शिकायतकर्ता को अज्ञात नम्बर द्वारा कॉल किया गया जिसमें उक्त अज्ञात व्यक्ति द्वारा स्वंय को मैक्स लाईफ इन्सोरेन्स से बताया व पोलिसी में कुछ समस्या होने पर किसी कारण उक्त पोलिसी को रोक दिया गया है और वह इस समस्या को हल करने में मदद कर सकता है तथा साथ ही यह भी बताया गया कि उसकी बीमा कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारियों से जान पहचान हैं जिसके लिये कुछ पैसे लगेंगे जिस पर उसके द्वारा दिये गये खाते में पैसे स्थानान्तरित किये गये। जिसके उपरान्त कुछ दिनो पश्चात उक्त व्यक्ति द्वारा पुनः शिकायतकर्ता को अन्य नम्बरों से कॉल करते हुए समस्या हल होने की बात कही गयी व बीमा कम्पनी के पैसा का भुगतान हो गया है। जिसके पश्चात उक्त व्यक्ति द्वारा सुनियोजित तरीके से पोलिसी की धनराशि को निवेश करने के नाम पर धनराशि का तीन गुना लाभ कमाने का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी की गयी।

गिरफ्तार अभियुक्त

1-राहुल पाण्डे पुत्र साधू प्रसाद पाण्डे निवासी RZF निहाल विहार थाना निहाल विहार नागलोई पश्चिमि दिल्ली।

बरामदगीः

1- मोबाइल फोन मय सिम कार्ड- 01 अदद (घटना में प्रयुक्त) 2- आधार कार्ड – 01 (अभियुक्त का) 3- ड्राईविंग लाईसेन्स – 01 (अभियुक्त का) 4- एटीएम कार्ड – 01अदद

पुलिस टीम

1- निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल 2- उ0नि0 आशीष गुसाँई 3- अपर उप निरीक्षक सुरेश कुमार 4- कानि0 शादाब अली आयुष अग्रवाल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

एसटीएफ एसएसपी ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने और ऑनलाईन बिजली के बिल का भुगतान करने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें.किसी भी प्रकार के ऑनलाईन भुगतान करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें.वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *