देहरादून – कांग्रेस के वरिष्ट नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है। हरक सिंह रावत और उनके बेटे के शंकरपुर स्तिथ दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और उनके पेट्रोल पंप में विजिलेंस ने छापेमारी की है । दिन से ही उनके ठिकानों पर विजिलेंस की टीम में बैठी हुई है और अवैध तरीके से अर्जित की गई संपतियो की जांच की जा रही है। मौके पर हरक सिंह भी मौजूद हैं।
निर्देशक विजिलेंस वी मुरुगेशन ने मामले की पुष्टि करते हुए जिम कॉर्बेट पार्क में अवैध कटान और सरकारी पैसों से खरीदी हुई संपत्ति प्राइवेट प्रॉपर्टी में मौजूद है जिसको लेकर विजिलेंस की टीमों ने हरक सिंह रावत की विभिन्न संपतियों को जांच की।
एक ओर जहां भाजपा ने इस कार्रवाई को सही बताया तो वहीं कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस का कहना है कि आखिर चुनाव के दौरान ही ये छापेमारी और डक्यों आती है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी बागेश्वर में उपचुनाव होना है और इसीलिए सरकार की येे साजिश है।
दरअसल 2019 में जिम कॉर्बेट पार्क में जंगल सफारी बनाने को लेकर हजारों पेड़ काटे गए। साथ ही कॉन्क्रेट की दीवारों के नाम पर सरकारी संपत्ति का दुरूपयोग हुआ है। उस वक्त हरक सिंह रावत भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर थे और उन पर बीते वर्ष यह आरोप लगा था कि उनके संरक्षण में ही तत्कालीन डीएफओ किशन चंद ने सरकारी पैसों और नियमों का उल्लंघन करके पेड़ों का कटान किया था। मामले में पूर्व आईएफएस किशन चंद जेल में बंद।