देहरादून : कुछ तथाकथित पत्रकारों की वजह से पत्रकारिता जगत का नाम खराब हो रहा है। इससे पहले देहरादून में कयी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें पत्रकारिता की आड़ में रंगदारी मांगी गई उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन यह सिलसिला थम नहीं रहा है। ऐसे में सूचना विभाग को जरूरत है ऐसे तथाकथित पत्रकारों पर कार्रवाई करने की और कुछ कड़े नियम बनाने की। ताकि ऐसा फिर ना हो।माना की पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है लेकिन चौथे स्थान द्वारा गलत काम किया जाना कहीं ना कहीं समाज को भी खराब कर रहा है।
सब्जी बेचने वाले से लेकर पेंटर तक बने पत्रकार
सब्जी बेचने वाले से लेकर पेंटर तक यहां पत्रकार बन गए हैं हाथ में आईडी लिए घूमते हैं और रंगदारी मांगते हैं। कोई पान बेच रहा है और पोर्टल चला रहा है तो कोई दुकान चल रहा है तो सथ में पोर्टल खोला है। ऐसे में जो पत्रकार पढ़ लिखकर कोर्स कर, पैसा खर्च कर पत्रकारिता में आए हैं उनका क्या?
देहरादून में फर्जी दस्तावेज तैयार कर ऑनलाइन वेब न्यूज़ चैनल के नाम पर ठगी करना, रंगदारी मांगना साथ ही घर पर कब्जा करना और सरकारी विभागों से लाखों का विज्ञापन लेना महंगा पड़ा। पुलिस में पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
जी हाँ देहरादून में एड्बोकेट अनुराग मेंदोला की शिकायत पर कोतवाली शहर पुलिस ने ऑनलाइन वेब पोर्टल न्यूज़ एक्सप्रेस 18.com के मालिक विकास गर्ग, सुनीता लोधी और रितिन गोयल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। जिसमे आरोप है कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी विज्ञापन के साथ घर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं. जिसकी शिकायत पर पुलिस ने जाँच के बाद मुकदमा दर्ज किया है.
वहीं आरोपियों के खिलाफ मृतक व्यक्ति के फर्जी हस्ताक्षर कर समिति को ह्त्याने का भी आरोप है.. एसपी ने बताया कि प्राथमिक जांच के बाद रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
वहीं मामले में एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि पूर्व में मिली शिकायत पर जांच में सभी तथ्य सही पाए गये हैं जिसपर अब मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही सूचना विभाग को भी इनके द्वारा लिए गये विज्ञापनों पर रोक के लिए पत्राचार कर दिया गया है।