जिसे समझ रहे थे आत्महत्या वो निकला‌ डबल मर्डर, पुलिस ने ऐसे सुलझाई दोहरे हत्याकांड की गुत्थी, भाई ही‌ निकला‌ हत्यारा

देहरादून- 13 जून को क्लेमेंट टाउन के टर्नर रोड स्थित घर में पुलिस को पति-पत्नी के शव बरामद हुए थे। जो कि 2 दिन पुराने थे और कमरे में खून बिखरा हुआ था। साथ ही कमरे में ही उनका 4 दिन का बच्चा भी था जिसे पुलिस ने दून अस्पताल में भर्ती कराया था। इस मामले को पुलिस आत्महत्या मानकर जांच कर रही थी लेकिन मामला‌ डबल मर्डर का निकला। इस मामले में पुलिस ने मृतका अनम के ही भाई को गिरफ्तार किया है।

एसएसपी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी शहवाज मृतक कासिफ को पहले से ही जानता था। जब आरोपी अपनी मौसी की बेटी के रेप के आरोप में जेल में बंद था तब कासिफ और उसकी बहन अनम के बीच प्रेम प्रसंग चल गया। वह अपनी बहन को कासिफ से दूर रहने को कहता था लेकिन दोनों ने शादी कर ली थी। जब वह जमानत पर बाहर आया तो उसे गांव वालों से बहन की कासिफ से शादी की बात पता चली जिससे वो आक्रोशित हो गया। इसके साथ उसे ये भी जानकारी मिली थी कि उसकी बहन के नाम पर 3 बीघा जमीन है जो कासिफ ने गिरवी रखवा दी है।

आरोपी ने बताया कि कासिफ ने गांव वालों से यह कहा कि आधा पैसा उसने अपनी पत्नी के भाई शहवाज को दिए हैं जिससे उसकी बदनामी हो गयी थी और उसने कासिफ को मारने की प्लानिंग बना ली थी। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त वरना कार को सीज कर लिया है जो कि उसकी दोस्त अवसद की थी।

बता दे कि कासिफ और अनम की 1 साल पहले ही शादी हुई थी और परिवार के लोग शादी के खिलाफ थे। वहीं इस एसएसपी ने यह भी बताया है कि उसकी पहली पत्नी भी इस मामले मे संदिग्ध है क्योकि वो‌ इनका‌ कमरा जानती थी और कासिफ के फोन‌न उठाने पर यहां चेक करने भी‌आई थी।

वहीं इस पूरे मामले का खुलासा करने पर एसएसपी दलीप सिंह ने क्लेमेंट टाउन पुलिस थाना टीम को ₹10000 का इनाम देने की घोषणा भी की।

पुछताछ से पूछताछ में खुलासा

 पुछताछ में आरो शहवाज द्वारा बताया गया कि हम दो भाई तथा एक बहन है।  सबसे बड़े भाई का नाम शादाब है फिर मेरी बहिन अनम है और फिर मैं हूं। मेरी माता का नाम शहनाज है जो हमें छोड़कर कहीं चली गई थी और  किसी दूसरे से शादी कर ली थी तब हम भाई बहिन छोटे थे, फिर मेरे पिताजी द्वारा हमारा पालन-पोषण किया था मेरे पिता भी हाइड्रा चलाते थे, जिनकी मृत्यु 8-10 साल पहले हाइड्रा मशीन के नीचे दबने से हो गई थी लेकिन मुझे पता चला था कि अशजद ने मेरे पिता को जानबूझकर हाईड्रा से टक्कर मारकर मारा था जिसे Accident बताया था , अशजद हमारे गांव का रहने वाला है तथा कासिफ के ताऊ का लड़का है लेकिन उस समय हम छोटे थे तो कुछ नहीं कर पाये, हमारी दादी ने हम तीनों भाई बहनों का  पालन पोषण किया, कासिफ भी मेरे गांव का ही रहने वाला था जिसकी दोस्ती हम दोनो भाईयों से थी तथा उसका हमारे  घर आना जाना था, इसी बीच मेरी अपनी खाला (मौसी) की लड़की आईशा जो कराल्टी थाना फतेहपुर जिला सहारनपुर की रहने वाली है, के  साथ दोस्ती हो गई , वह उस समय 8 या 9 वी क्लास में पढती थी फिर हम दोनो में प्यार हो गया और मैं उसे अगस्त 2021 में भगाकर इलाहाबाद ले गया था.वो उस समय नाबालिग थी जिस कारण हमारी शादी नही हो पाई थी।  फिर आईशा के घर वालों ने मेरे तथा मेरे बड़े भाई व  कासिफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया था क्य़ोकि कासिफ भी मेरे साथ था उसने भी लडकी भगाने मे मेरी मदद की थी  उसके बाद मुझे और मेरे बड़े भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जहां में आठ महिने जेल मे रहा तथा अभी जमानत पर बाहर आया हुं जब मैं और मेरा बड़ा भाई जेल में थे तो इस दौरान मेरी बहिन घर पर अकेली थी तथा कासिफ का घर पर आना जाना ज्यादा हो गया था । जब मैं जेल से बाहर आया तो मुझे गांव वालो ने कासिफ और मेरी बहन अनम की सारी वातें बताई तो मैने कासिफ को घर में आने से मना कर दिया था क्योकि कासिफ की हरकते कुछ ठीक नहीं थी उसने मेरी बहिन को अपने प्यार में फंसा दिया था और उसकी अश्लील बीडियो भी बना दी थी जिस कारण जैसे वह कहता था वैसी मेरी बहिन करती थी जबकि कासिफ की पहले  शादी हो रखी थी कुछ समय बाद कासिफ मेरी बहन को भगा कर ले गया और  कोर्ट मे उससे  शादी कर ली । इस सम्बन्ध में मेरे भाई की तरफ से नागल थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी पर  मेरी बहिन से हमारे खिलाफ वीडियो और आडियो बनाकर गांव वालो को भेज दी थी जिसमें मेरी बहिन हमारे खिलाफ बयान दे रही थी कि मुझे अपने भाईयों से जान का खतरा है । उसके बाद पुलिस मेरी बहन को नागल लेकर आयी जहां से उसे मेरे मौसा के सुपुर्द किया गया तथा मेरे मौसा ने उसका निकाह कासिफ से करा दिया क्योकिं मेरा मौसा भी हमारे खिलाफ था क्योकिं मै अपने मौसा की लडकी आइशा को भगाकर ले गया था , कासिफ और अनम के निकाह से गांव में हमारी काफी बेज्जती हुई थी तथा मुझे पता चला कि कासिफ ने ही अनम को हमारे खिलाफ भड़का कर वो वीडियों और ओडियों बनायी थी  जिस कारण मैने उसी दिन सोच लिया था कि कासिफ को जिन्दा नही छोडूंगा , उसके बाद  मैने कासिफ से फिर दोस्ती कर ली और उसके घर मेरा आना जाना शुरु कर दिया इसी बीच मुझे गांव मे लोगों द्वारा बताया कि मेरी बहिन अनम के नाम से जो 3 बीघा जमीन थी वह भी कासिफ ने  कुछ दिन पहले गिरवी रखवा ली थी और गांव में यह बात फैला दी कि आधे पैसे उसने हमे दिये और आधे खुद रखे ,वह बार वार गांव में हमारी बेईज्जती करवा रहा था ,मै कई दिनों से उसे मारने के लिए मौका तलाश रहा था कि दि0 7/06/23 को कासिफ ने मुझे उत्तरकाशी में अपनी  हाइड्रा मशीन पलटने तथा उसके साथ उत्तरकशी चलने की बात कहीं जिस पर मैं दिं0 7/6/23 को उसके साथ अपनी मोटरसाइकिल सं0 यूके 17क्यू -3190 R-1-5  से सहारनपुर से देहरादून आया तथा देहरादून से स्विफ्ट डिजायर से हम दोनो दि0 7/6/23 की रात लगभग 10-11 बजे देहरादून से उत्तरकाशी के लिये निकले उत्तरकाशी पहुंचने पर कासिफ को अनम ने फोन कर बताया कि उसे दर्द उठ रहा हैं फिर कासिफ ने मोहल्ले की आशा को फोन कर उसके साथ अनम को अस्पताल  भेज दिया और हम भी उत्तरकाशी  से वापस देहरादून आ गये थे उस दिन भी में कासिफ को मारने की फिराक में था लेकिन उस दिन अनम को पता था कि कासिफ मेरे साथ गया है ,उसके बाद मैं वापस अपने गांव चला गया । गांव के सभी लोग मेरे मामा बनने की तरह तरह की बाते बना रहे थे जिससे मैं और अधिक गुस्से में आ गया था, दिनांक 09/06/23 को कासिफ ने मुझे फोन कर 10 जून को उत्तरकाशी चलने की बात कहीं जिस पर मेंने उसे इस बार मारने की ठान ली। दिनांक 10/6/23 को समय लगभग 8.30 बजे मैं गणेशपुर मोहंड  साईड पर अपने दोस्त के  कमरे में चला गया जहां मेने अपना फोन बंद कर दिया था और लगभग 9.30 बजे मे कासिफ के कमरे पर पहुचा । रात्री के समय कासिफ और मैं जमीन पर सो गये तथा अनम ऊपर बेड मे सो गई थी, मेरे दिमाग मे पुरानी सारी बातें चल रही थी तो मै सोय़ा नही था। रात्री में मैं मौका देख कर किचन मे गया, और वहां से एक चाकू लाकर जमीन पर सोये कासिफ की गर्दन पर उससे वार कर दिया,  जिससे वह बेसूध हो गया और उसकी गर्दन से काफी खून बहने लगा। इसी बीच अनम उठ गयीं और चिल्लाने लगी, जिस पर मेने एक हाथ से उसका मुंह दबा कर दूसरे  हाथ से उसका गला दबा दिया, जिससे वह भी मर गयी थी फिर मैने उसको भी नीचे जमीन पर लेटा दिया और दीवार पर जो खून लगा था उसे साफ किया और बच्चे को भी कासिफ के दोनो पांव के बीच मे रख दिया था, मैने सोचा था कि बच्चा खुद मर जायेगा।  उसके बाद मेने अपने कपड़े बदले और कमरे के बाहर ताला लगाकर मैं वहां से वापस अपने दोस्त के कमरे मे आ गया।  रास्ते में मैंने आशारोड़ी के जंगलो  में खून लगे हुए कपड़े एक पन्नी में बांधकर फेंक दिये, फिर मेने अपने दोस्त शुभम, जो मुझे जेल मे मिला था,  को घटना के बारे में बताया.12 को शुभम को लेकर मैं अशवद की गाड़ी से दोबारा टर्नर  रोड से होते हुये कासिफ के कमरे पर आये और  ताला खोलकर देखा तो काफी बदबू आ रही थी और बाडी फूल गयी थी, तो फिर हम दोनो तालाबंद कर के वहां से मिर्जापुर वाले रास्ते से बेहट होते हुये सुबह 4 बजे लगभग गणेशपुर साईट पर कमरे मे पहुंच गये जहां अशवद जगा हुआ था, अशवद के पुछने पर मेने उसे  छुटमलपुर पार्टी में जाना बताया उसके बाद मै सहारनपुर चला गया था ।

पुलिस टीम

1- शिशुपाल राणा, थानाध्यक्ष क्लेमेनटाउन
2-  वरिष्ठ उप निरीक्षक दुर्गेश कोठियाल
3-  उपनिरीक्षक विनय शर्मा, चौकी प्रभारी आशा रोड़ी
4-  हेड कांस्टेबल भूपेंदर
5-  कॉन्स्टेबल रवि

एसओजी टीम

1-  मुकेश त्यागी, प्रभारी निरीक्षक एसओजी
2-  उ0नि0 हर्ष अरोड़ा
3-  हे0का0 किरन
4-  का0 ललित
5-  का0 विपिन
6-  का0 पंकज

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