चारों धाम में अब रिल्ल बनाने वालों की खैर नहीं है। जी हां क्योंकि लगातार देखा जा रहा है कि श्रद्धालु चारधाम में दर्शन करने तो आ रहे हैं लेकिन कुछ नौजवान युवा है जो वहां पर रिल्स बना रहे हैं और इससे मंदिर की सदियों से चली आ रही परंपरा को तोड़ा जा रहा है जिसको लेकर वहां पंडा पुरोहितों में रोष है इसी को देखते हुए अब सरकार एक्शन मोड में आ गई है आज मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बैठक कर अहम निर्देश दिए हैं.
केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री में रील बनाने के चक्कर मे बन रही अव्यवस्था को देखते हुए शासन प्रशासन एक्शन मोड मे आ गयी है। सरकार ने मंदिर परिसर के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब कोई भी श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यह जानकारी दी है।
चार धाम यात्रा शुरू होते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री पहुंच रहे हैं। इनमें से अधिकतर लोग वह है जो कि केवल रील बनाने के चक्कर में जा रहे हैं, जिससे शांति व्यवस्था भंग हो रही है। यही नहीं कई लोग मोबाइल से वीडियो बनाकर दुष्प्रचार का भी प्रयास कर रहे हैं, जिससे उत्तराखंड व सरकार की छवि खराब हो रही है।
वर्ष 2023 को दौरान मंदिर समिति व सरकार की ओर से चारों धामों में मोबाइल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि चारों धामों में मोबाइल रखने के लिए कहीं भी उचित स्थान नहीं है, ऐसे में लोग मंदिर परिसर में कई-कई देर तक रील बनाने के चक्कर में समय लगाते हैं जिसके कारण मंदिर परिसर में भारी भीड़ लग जाती है।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र लिख रहे हैं कि रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही तीर्थयात्री चार धाम यात्रा पर आएंगे। चेकपोस्ट पर चेकिंग की जा रही है, बिना रजिस्ट्रेशन वालों को वापिस लौटाया जाएगा। चार धाम यात्रा पडावों पर खाने पीने की अच्छी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। फर्जी वीडियो जारी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।