हल्द्वानी : भाजपा द्वारा टिकट बंटवारे के बाद से ही बगावती सुर उठने लगे हैं. कई नेता और कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा तक दे दिया है। सबसे बुरी स्थिति नैनीताल आरक्षित सीट पर रही। यहां टिकट न मिलने से नाराज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी व पूर्व पार्टी जिलाध्यक्ष दिनेश आर्य ने मोर्चा खोल दिया। आरोप लगाया कि निष्ठावान व वैचारिक कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर साजिशन कमजोर प्रत्याशी उतारा गया।
वहीं, भीमताल विधानसभा से दावेदारी पेश करने वाले पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष मनोज साह ने समर्थकों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से ही त्याग पत्र देकर निर्दलीय चुनाव लडऩे का एलान कर दिया। पार्टी ने यहां से 2017 में निर्दल विधायक बने राम सिंह कैड़ा को टिकट दिया है।
नैनीताल आरक्षित सीट पर भाजपा की घोषित प्रत्याशी सरिता आर्य की राह आसान नहीं रह गई है। उनसे पहले भाजपा में वापसी वकर चुके हेम आर्य ने इंटरनेट पोस्ट डालकर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूदने का एलान कर डाला है। पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय लड़कर तीसरे स्थान पर रहे हेम आर्य ने इस बार भाजपा में वापसी कर ली थी। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा जिताऊ प्रत्याशी मानकर प्रत्याशी घोषित करेगी लेकिन भाजपा ने महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक सरिता आर्य को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
धारचूला से धन सिंह धामी को टिकट देने के विरोध में मुनस्यारी के 12 पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया। इसी तरह गंगोलीहाट से विधायक मीना गंगोला का टिकट कटने से नाराज पांच पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया। बागेश्वर के कपकोट विधानसभा से सुरेश गढिय़ा को टिकट मिलने के विरोध में जिला पंचायत सदस्य समेत 39 कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया।
काशीपुर विधानसभा में नई कहानी सामने आई है। यहां से कद्दावर भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा के पुत्र त्रिलोक का टिकट फाइनल होने के बाद भी भाजपा से मेयर ऊषा चौधरी ने नामांकन पत्र खरीद लिया.