एक्सक्लूसिव : आखिर अन्य राज्यों में हुई घटनाओं से क्यों नहीं लिया रिलायंस कंपनी ने सबक? क्यों नहीं किये सुरक्षा के इंतजाम, पुलिस पर क्यों इलज़ाम?

देहरादून : 9 नवंबर को राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वैलरी शॉप में करोड़ों की ज्वेलरी की लूट को अंजाम दिया गया और बदमाश जेवर लेकर फरार हो गये। एक तरफ राष्ट्रपति की सुरक्षा का जिम्मा तो दूसरी तरफ ये घटना। लेकिन क्या हमेशा पुलिस पर सवाल खड़े करना सही?

बता दें कि एसएसपी देहरादून ने खुद इस मामले में बदमाशों को पकड़ने के लिए मोर्चा संभाला हुआ है और पूरी देहरादून की पुलिस अपराधियों को पकड़ने में जुटी हुई है तो वहीं पुलिस की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं लेकिन क्या यह रिलायंस कंपनी के लापरवाही नहीं? ज्वैलरी शॉप में करोड़ों का सामान रखा पर सुरक्षा के इंतेजाम नाकाफी दिखे।

शोरूम/ ज्वैलरी शॉप संचालकों द्वारा सुरक्षा मानकों की लगातार अनदेखी की जा रही।

रिलायंस कंपनी इस इस बात से अच्छे से वाकिफ थी कि बदमाशों ने कई प्रांतों में ऐसी घटनाओं को उन्हीं की कंपनी में अंजाम दिया है लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा के कड़े इंतजामबाद क्यों नहीं किए गए? अलार्म की व्यवस्था क्यों नहीं की गई और साथ ही गेट के बाहर गार्ड समेत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए यह बड़ा सवाल उठ रहा है।

क्या हर दुकान पर पुलिस को लगाया जाना है संभव ?

देश भर में विभिन्न राज्यों पर रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में लगातार हो रही लूट की वारदातें, पर बावजूद इसके लगातार सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गयी। सवाल उठाए जा रहे है कि कहीं इसके पीछे इंश्योरेंस क्लेम का खेल तो नहीं? ये हम नहीं सोशल मीडिया पर तमाम लोग कह रहे हैं।

रिलायंस शोरूम लूट प्रकरण में शोरूम संचालक की भी बड़ी लापरवाही परिलक्षित हुई है। उक्त शोरूम संचालक द्वारा सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए शोरूम में करोड़ों की ज्वैलरी होने के बावजूद भी मात्र एक महिला गार्ड को डंडे के साथ सुरक्षा के लिए नियुक्त किया गया था, इसके अतिरिक्त शोरूम के अंदर कोई अलार्म सिस्टम नहीं लगाया गया था, जिससे किसी इमरजेंसी के समय पुलिस तथा अन्य लोगों को सूचित किया जा सके जबकि पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में एक साल के अंदर रिलायंस ज्वैलरी शॉप पर डकैती की बड़ी वारदात होने पर भी कोई मानक नही अपनाई गए, इसी प्रकार शहर के विभिन्न स्थानों में नित्य नई खुल रही ज्वेलरी शॉप में भी सुरक्षा मानकों की लगातार अनदेखी की जा रही है। संचालको द्वारा अपनी दुकान में बहुमूल्य आभूषण/सामान रखने के बावजूद भी स्वयं सुरक्षा के समुचित प्रबंध नहीं किये जा रहे हैं। ऐसे में प्रत्येक दुकान पर पुलिसकर्मी को नियुक्त करना संभव नही है। तो- क्या शोरुम / ज्वैलरी शॉप संचालकों को स्वयं की भी जिम्मेदारी समझते हुए सुरक्षा के समुचित प्रबंध सुनिश्चित नहीं करने चाहिये ?

स्क्याआल उठाए जा रहे हैं कि कहीं इतनी बड़ी कंपनी द्वारा सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति करने का कोई नया पैंतरा तो नही? ये हम नहीं ये लोग सवाल उठा रहे हैं कि कहीं इंशोरेंस क्लेम का कोई बड़ा खेल तो नही? क्या सुरक्षा मानको के साथ खिलवाड़ के लिए भी जिम्मेदार केवल पुलिस ?

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