देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सिर पर एक बार फिर से हाईकमान ने सीएम का ताज पहनाया है. कई दिग्गज इसकी आस लिए थे कि सीएम की कुर्सी पर वो बैठेंगे लेकिन हाईकमान ने युवा चेहरे को फिर से मौका दिया और हार कर भी पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया। वहीं अब सवाल यही उठ रहा है कि वो कहां से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इससे पहले सीएम धामी के लिए कई विधायक अपनी सीट छोड़ने को तैयार थे और अब जब धामी के सिर ताज सजा दिया गया है तो देखने वाली बात होगी कि अब कौन विधायक अपनी सीट छोड़ता है?
खबर है कि सीएम धामी पिथौरागढ़ की डीडीहाट सीट से चुनाव लड़ सकते हैं या फिर चंपावत से उपचुनाव कर सकते हैं। क्योंकि इन दोनों ही सीटों से जीते विधायकों ने धामी के लिए सीट छोड़ने की घोषणा की थी तो पार्टी इनको तो धामी के लिए रिजर्व मानकर चल रही है। लेकिन इस बीच खबर ये भी है कि धामी कपकोट और लालकुआं सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो सीएम धामी के चुनाव हारने के बाद कुल मिलाकर पांच विधायकों ने सीटछोड़ने का ऐलान किया था लेकिन फाइनली कौन सीट छोड़ता है ये देखने वाली बात है।
खानपुर से विधायक उमेश कुमार सीट छोड़ने को तैयार
आपको बता दें कि सीएम धामी के लिए चम्पावत से विधायक कैलाश गहतोड़ी, लालकुआं से विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, जागेश्वर से विधायक मोहन सिंह महरा, रुड़की से विधायक प्रदीप बत्रा और कपकोट से विधायक सुरेश गड़िया अपनी सीट न्यौछावर करने कौ तैयार हैं। वहीं इसके अलावा खानपुर से निर्दलीय होकर चुनाव लड़े उमेश कुमार भी सीट छोड़ने को तैयार हैं लेकिन उनकी कुछ शर्तें हैं अगर धामी उनके दिए समय में उनको पूरा करते हैं तो वो सीट छोड़ने को तैयार हैं.
आपको बात दें कि अगर मुफीद सीट की बात करें तो सीएम धामी के लिए सबसे मुफीद सीट डीडीहाट ही मानी जा रही है। क्योंकि यह उनके पैतृक गांव वाली सीट है और यहां भाजपा लगातार जीत हासिल करते हुए आई है। और साथ ही चंपावत खटीमा से लगी सीट है। इस लिहाज से यह सीट भी उनके लिए सुरक्षित मानी जा रही है। कपकोट पुष्कर धामी के राजनीतिक गुरु भगत सिंह कोश्यारी भी परंपरागत सीट रही है।डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल, मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र से आते हैं। यदि चुफाल को राज्यसभा भेजा जाता है तो सियासी लिहाज से धामी के लिए यह सबसे मुफीद सीट हो सकती है। रामनगर के विधायक दीवान सिंह बिष्ट और कालाढूंगी के विधायक बंशीधर भगत को भी राज्यसभा भेजकर धामी के उप चुनाव के लिए सीट का इंतजाम हो सकता है।
राज्य सभा के लिए उत्तराखंड कोटे की एक सीट इसी साल जुलाई में खाली होने जा रही है। खबर है कि जो विधायक सीएम के लिए सीट छोड़ेगा उनको राज्यसभा भेजा जा सकता है और केंद्र सरकार उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि कुमाऊं की रामनगर, कालाढूंगी या फिर डीडीहाट ऐसी सीटें हो सकती है जहां से धामी सीट चुनाव लड़ सकते हैं और विधायक राज्यसभा भेजे जा सकते हैं।