उत्तराखंड में ALL IS NOT WELL : हरक फिर नाराज, अमित शाह से की बात, किस-किस को मनाएंगे CM

देहरादून : उत्तराखंड सरकार से एक बार फिर से बड़ी खबर है। जी हां बता दें कि खबर है कि वन मंत्री हरक सिंह रावत एक बार फिर से नाराज हो गई है और इतना ही नहीं खबर है कि उन्होंने अमित शाह को फोन किया है हालांकि ये जानकारी नहीं मिली है कि दोनों के बीच क्या बात हुई लेकिन अचानक केंद्रीय मंत्री को फोन करना बहुत कुछ सवाल खड़े कर रहा है। उत्तराखंड में ये तो साफ है कि युवा चेहरे और एक विधायक को सीएम बनाने से कैबिनेट मंत्री नाराज हैं भले ही वो कैमरे के सामने हंसकर इस बात से इंकार करें लेकिन दिल की बात जुबां और चेहरे पर आ ही जाती है।

मंत्रियों की नाराजगी भाजपा के गले की फांस बनी

सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर है कि मंत्री हरक सिंह रावत ने अपनी नाराजगी के निराकरण के लिए आज फिर गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया लेकिन क्या बात हुई, किसको लेकर बात हुई ये जानकारी नहीं मिली है। लेकिन कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत स्वास्थ्य विभाग चाहते हैं लेकिन शायद उसपर सहमति नहीं बन पाई है और कहा जा रहा है कि हरक फिर से नाराज हो गए हैं। बता दें कि सीएम और मंत्रियों के शपथ ग्रहण से पहले भी मंत्रियों की नाराजगी भाजपा के गले की फांस बन गई थी। जैसे तैसे सबको मनाया और शपथ दिलाई लेकिन खबर है कि एक बार फिर से मंत्री हरक नाराज हो गई हैं। हरक सिंह रावत को तो मनाने के लिए सीएम ने रात को खाने पर भी बुलाया लेकिन खबर है कि विभाग के बंटवारे को लेकर हरक सिंह रावत नाराज हो गए हैं। वहीं बता दें कि पार्टी में खेमे बाजी शुरु हो गई है।एक दिन पहले पुष्कर सिंह धामी के नाम की कहीं चर्चा भी नहीं था. इस बात का किसी को अंदाजा भी नहीं था कि उनको सीएम की कुर्सी मिल जाएगी. जबकि नामों की चर्चा सतपाल महाराज, धनसिंह रावत की ज्यादा थी।

आखिर सीएम कब तक किस किस को मनाएंगे?

आज सीएम ने मंत्रियो को जिले का जिम्मा सौंपा है जिसमे उनके खास यतीश्वरानंद को उधमसिंह नगर की कमान सौंपी गई है। सीएम खुद खटीमा से है। ऐसे में खबर है कि मंत्री नाराज हो गए हैं।वहीं सतपाल महाराज भी नाराज बताए जा रहे हैं। ऐसे में साफ है कि पार्टी में अभी भी सब कुछ ओके नहीं हुआ है। CM लगातार सबको साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कभी कोई नाराज हो जा रहा है तो कभी कोई। आखिर सीएम कब तक किस किस को मनाएंगे। चुवाव नजदीक है और ऐसे में मंत्रियों की नराजागी सीएम पर भारी पड़ रही है।

कहीं 2022 में डूब ना जाए भाजपा की लुटिया

वहीं अगर ऐसा ही चला तो कहीं ऐसा ना हो कि 2022 में भाजपा की लुटिया डूब जाए। क्योंकि लगातार भाजपा से खेमे बाजी सामने आ रही है। त्रिवेंंद्र रावत के कार्यकाल के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। फिर तीरथ रावत के कार्यकाल में ये कम दिखाई दी क्योंकि सीधे साधे सीएम को काम और विकास से मतलब रहता था किसी से राग द्वेष नहीं रहता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *