56 साल बाद मिला उत्तराखंड के सेना के जवान का पार्थिव शरीर, 42 साल तक पति का इंतजार करती रही पत्नी, 2011 में हो गई मौत

उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायण सिंह समेत चार जवानों का पार्थिव शरीर 56 साल बाद मिला वो भी सही। इस बात पर विश्वास करना आपके लिए मुश्किल होगा लेकिन ये सच है।

जी हां बता दें कि 56 साल पहले एक विमान हादसे में चार जवान लापता हो गए थे, सालों बाद उनका पार्थिव शरीर अब मिला हे। उत्तराखंड के जवान का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंच गया है कल अंतिम संस्कार होगा। आज शहीद के गांव मे़ हर किसी की आंखें नम है. नारायण सिंह, चमोली के थराली तहसील के कोलपुड़ी गांव के रहने वाले हैं. उनकी पत्नी 42 साल तक पति का इंतजार करती रही लेकिन पति की कोई खबर नही आई।

बता दें कि साल 1968 में हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में भारतीय वायुसेना का AN-12 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें नारायण सिंह भी सवार थे. इस घटना के बाद वह लापता थे और परिवार को उनकी कोई सूचना नहीं मिली थी. अब 56 साल बाद बर्फ में दबे हुए चार सैनिकों के अवशेष पाए गए हैं, जिनमें से एक नारायण सिंह का शव भी शामिल है. सोमवार को सेना के अधिकारियों ने परिवार को इसकी सूचनादी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनके पर्स में मिले एक कागज पर उनका नाम और उनकी पत्नी बसंती देवी का नाम दर्ज था. इसके अलावा उनकी वर्दी पर नेम प्लेट भी लगी हुई थी. सेना ने नारायण सिंह के शव को बर्फ से बाहर निकालने के बाद उसे संरक्षित किया है, क्योंकि शव गलने लगा था. सेना ने शव के डीएनए जांच के लिए सैंपल लिया है.

रिकॉर्ड के अनुसार, नारायण सिंह सेना के मेडिकल कोर में तैनात थे और उन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंच गया है, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.नारायण सिंह की पत्नी बसंती देवी ने 42 साल तक अपने पति का इंतजार किया, लेकिन उन्हें कोई खबर नहीं मिली. इससे पहले नारायण सिंह की पत्नी बसंती देवी का साल 2011 में निधन हो गया है. उनका पति कउ देखने का सपना अधूरा रह गया।

जानकारी मिली है कि उनको बचपन से ही सेना में जाने का जुनून था. उनका सपना देश की सेवा करना था, जिसे उन्होंने 1965 के युद्ध में निभाया.

नारायण सिंह के लापता होने की खबर एक टेलीग्राम के माध्यम से उनके परिवार को मिली थी, जिसमें बताया गया था कि विमान लापता हो गया है. इसके बाद परिवार लगातार इंतजार करता रहा, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली. इस खबर से पूरे गाँव वालों की आंखें नम है।

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