कंगना रनोट के बयान से एक बार फिर से सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। कांग्रेस समेत लोगों के गुस्से में उबाल है। कंगना को सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया जा रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि भीख में तो कंगना को पद्मश्री मिला होगा! आजादी तो लहू के फुहारों से मिली थी। वहीं महिला कांग्रेस ने कंगना से पद्मश्री अवार्ड वापस लेने की मांग की है।
महिला कांग्रेस ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र
महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष नेटा डिसूजा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर कहा कि कंगना ने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन का भी मजाक उड़ाया है। ऐसे में कंगना पर कार्रवाई की जाए और उनसे पद्मश्री वापस लिया जाए।आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रीति शर्मा मेनन ने कंगना के खिलाफ मुंबई पुलिस से शिकायत कर FIR दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कंगना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 504, और 505 के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग पद्मश्री वापस करो
कंगना के इस बयान के बाद अब सोशल मीडिया पर #कंगना_पद्मश्री_वापस_करो ट्रेंड कर रहा है। इसके साथ बहुत अलग-अलग तरह के मीम्स भी शेयर किए जा रहे हैं।
कंगना ने दिया था ये बयान
आपको बता दें कि कंगना ने एक राष्ट्रीय मीडिया नेटवर्क के वार्षिक शिखर समिट में भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में सावरकर, लक्ष्मीबाई और नेताजी बोस को याद करते हुए कहा था कि ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन यह हिंदुस्तानी खून नहीं होना चाहिए। वे इसे जानते थे। बेशक, उन्हें एक पुरस्कार दिया जाना चाहिए। वह आजादी नहीं थी, वो भीख थी। हमें 2014 में असली आजादी मिली है।
कंगना के इस बयान के बाद बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने लिखा कि कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह? बॉलीवुड से KRK ने लिखा कि बेवकूफ कंगना की यह बात सुनकर स्वतंत्रता सेनानी स्वर्ग में रो रहे होंगे
कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार।
इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह? pic.twitter.com/Gxb3xXMi2Z
— Varun Gandhi (@varungandhi80) November 11, 2021