रक्षा बंधन के दिन तीन बहनों का इकलौता भाई समेत चार जवान देश की रक्षा करते हुए सीमा पर शहीद हो गए. बता दें कि हिसार, हांसी के ढंढेरी गांव निवासी निशांत आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. राजौरी में गुरुवार को 2 आतंकवादियों ने सेना के एक शिविर पर एक आत्मघाती हमला किया. जिसमें निशांत मलिक शहीद हो गए। शहादत की खबर मिलते ही गांव में शौक की लहर दौ़ड़ गई.
मिली जानकारी के अनुसार निशांत 19 साल की उम्र में सेना में भर्ती हुए थे। निशांत के पिता भी आर्मी से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त है. निशांत के पिता कारगिल युद्ध में गोली लगने से घायल हो गए थे शुक्रवार को निशांत का पार्थिव शरीर हांसी पहुंचागा और शनिवार को उसके पैतृक गांव ढंढेरी में अंतिम संस्कार किया जाएगा.
निशांत मलिक तीन बहनों का इकलौता भाई था. निशांत की दो बहनों की शादी हो चुकी है और छोटी बहन की शादी जनवरी में होनी थी. निशांत ने बहन से शादी में आने का वादा किया था, निशांत बीए की पढ़ाई भी कर रहे थे और इसीलिए वह अपने पेपर देने के लिए डेढ़ महीने की छुट्टी लेकर घर आया हुए थे. वह जुलाई को अपनी छुट्टी पूरी करके वापिस ड्यूटी पर गए थे. सेना में भर्ती होने के बाद उसकी पोस्टिंग राजौरी में थी. गश्त के दौरान आतंकियों द्वारा उनके कैंप पर हमला कर दिया गया, जिसमें निशांत शहीद हो गए।.
रक्षा बंधन से ठीक एक दिन पहले ही निशांत की सबसे छोटी बहन की उससे फोन पर वीडियो कॉलिंग पर बात हुई थी. गुरुवार को रक्षा बंधन पर जब निशांत की बहन अपने भाई निशांत को फोन करना चाहा तो उसका फोन स्विच ऑफ आया। निशांत के पिता आर्मी कैंट में हो रहे सम्मान समारोह में भाग लेने के लिए गए हुए थे. इसी दौरान आर्मी के अफसरों ने निशांत के पिता जयवीर को उनके बेटे निशांत मलिक के शहीद होने की बात बताई जिससे घरप में कोहराम मच गया.
शहीद हुए सेना के जवानों की पहचान सूबेदार राजेंद्र प्रसाद (राजस्थान के झुंझुनू जिले के मालिगोवेन गांव के), राइफलमैन लक्ष्मणन डी (तमिलनाडु के मदुरै जिले के टी पुडुपट्टी गांव के), राइफलमैन मनोज कुमार (हरियाणा के फरीदाबाद के शाहजहांपुर गांव के) और राइफलमैन निशांत मलिक (हरियाणा के हिसार के आदर्श नगर गांव के) के रूप में की गयी है.