केदारनाथ : 31 जुलाई की आपदा के बाद केदार घाटी में एक बार फिर से डर का साया था रात भीम बली और लिनचोली में बादल फटने की घटना के सामने आने के बाद पूरे केदार घाटी में एक डर का माहौल था, NDRF , SDRF, स्थानीय व्यापारियों, टैक्सी यूनियन की वजह से क्षेत्र में रेस्क्यू काम में बहुत मदद मिली ।
मनकेट्टा में रोड काटने की वजह से 4000 से भी अधिक यात्री गौरीकुंड की तरफ फंसे थे लेकिन सब की सूझबूझ की वजह से अधिकतम यात्रियों को सोनप्रयाग तक पहुंचाया गया।
इन सब में एक ओर नायक की भूमिका में जहां प्रशासन की विभिन्न टुकड़ियां थी वहीं दूसरी ओर लोकार्पण के संपादक क्षेत्रीय पत्रकार त्रिभुवन चौहान ने बड़ी सूझ बूझ के साथ जिला अधिकारी कार्यालय के साथ संपर्क में रह कर, सेक्टर मजिस्ट्रेट को सूचित कर, युगाडा के अधिकारी चौबे जी से बात लेकर हैली कंपनी को साथ आने का आग्रह करवाया और रेस्क्यू में तीव्रता प्रदान की ।
व्यापार संघ द्वारा तैयार किया गया भोजन और टैक्सी यूनियन द्वारा प्रदत्त सामग्री फंसे हुए लोगों तक पहुंची और रेस्क्यू में योगदान किया गया।
त्रिभुवन चौहान ने बताया कि कैसे जिलाधिकारी कार्यालय से उन्हें सहयोग मिला और साथ ही डीएसओ के साथ मिलकर इस कार्य को अंजाम दिया गया, और देर रात्रि तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
देर रात जब स्थानीय व्यापारी द्वारा त्रिभुवन चौहान को बताया गया कि उनके फोन करने से पहले जहां हेलीकॉप्टर की संख्या तीन थी वह रेस्क्यू के लिए आठ कर दी गई।