देहरादून : उत्तराखंड कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष करन महारा ने धामी सरकार पर नए निकायों में कर वसूली के नाम पर जनता के साथ धोखा और छल करने का आरोप लगाया है। महारा ने कहा की भारतीय जनता पार्टी जब चुनाव में जाती है तो जनता से डबल इंजन की सरकार बनाने को कहती है परंतु जब सरकार बन जाती है उसके बाद आय के स्रोतों को बढ़ाने के लिए हमेशा ही कभी बिजली दरों में बढ़ोतरी के नाम पर तो कभी संपत्ति कर के नाम पर जनता पर बोझ डाला जाता है। महारा ने कहा की बताया जा रहा की उत्तराखंड के नवगठित नगर निकाय भी हाउस टैक्स के दायरे में आने जा रहे हैं और शहरी विकास विभाग संपत्ति कर की उगाही के मामले में जगह-जगह नोटिस चस्पा कर रहा है। महारा के अनुसार प्रदेश मैं 102 निकाय हैं 69 नगर निकायों में पहले से ही कर वसूली हो रही है पर अब शहरी विकास विभाग ने से सभी निकायों को भी हाउस टैक्स की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश जुलाई 2022 को दिया था। महारा ने कहा कि भाजपा सरकार ने नए निकायों का गठन स्थानीय जनता से इस वादे के साथ किया था कि 10 साल तक कोई कर वसूली नहीं की जाएगी परंतु मात्र 5 वर्ष बीतने के बाद ही धामी सरकार ने नवगठित निकायों से संपत्ति कर वसूली के लिए नोटिस लगाने शुरू कर दिए हैं। महारा ने कहा कि जिन निकायों को नोटिस दिया गया है उनमें टिहरी ,सेलाकुई, शिवालिक नगर, भगवानपुर, ढंडेरा, पांडली गुर्जर, रामपुर, इमलीखेड़ा, घनसाली, चमियाला, गजा,लमगांव, तपोवन ,सतपुली, थलीसैंण, नौगांव, पीपलकोटी, चिनियालीसौंड, केदारनाथ ,रानीखेत चिल्लियानौला उखीमठ तिलवाड़ा भिकिसैन,गरुड़, चौखुटियाल, कपकोट, बनबसा, बेरीनाग ,गंगोलीहाट, नगला, नानकमत्ता, गूलरभोज ,लालपुर इत्यादि है।
करन महारा ने कहा कि नगर निकायों में शामिल नए इलाकों को हाउस टैक्स वसूलने पर 10 साल तक की छूट मिली हुई है इसके लिए विभाग ने अलग से आदेश जारी किए हुए हैं और भारतीय जनता पार्टी ने भी जनता से यही वादा किया था लेकिन आज इस महंगाई के दौर में जब जनता सरकार से राहत की अपेक्षा कर रही है उस वक्त शहरी विकास विभाग द्वारा इस तरह के नोटिस उनके लिए वज्रपात का काम कर रहे हैं। शहरी विकास विभाग निकायों में सर्किल रेट आधारित टैक्स प्रणाली लागू कर चुका है इसके लिए नियमावली बनकर तैयार है जो की हाउस टैक्स की नई प्रणाली में लागू की जाएगी इसके तहत सर्किल रेट बढ़ते ही हाउस टैक्स की दरें भी स्वतः बढ़ जाएगी। महारा ने कहा की जमीनों के सर्किल रेट कई बार बड़ी-बड़ी सोसाइटी के निर्माण के बाद बढ़ा दिए जाते हैं परंतु वहां पहले से बसी हुई गरीब जनता ,मलिन बस्तियां और झुग्गी झोपड़ियां में रहने वाले लोग कैसे बढ़ी हुई दरों के हिसाब से हाउस टैक्स दे पाएंगे यह यक्ष प्रश्न है जो सरकार के लिए सोचनीय होना चाहिए।