हमें हमेशा लगता है कि सरकारी नौकरी में मौज है और उन्हें छुट्टियां भी मिलती है और अगर कोई बड़ा अधिकारी हो तो फिर बात ही क्या है लेकिन अगर हम ऐसा सोचते हैं तो यह गलत है। जी हां क्योंकि एक डिप्टी क्लेटन ने इसीलिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया क्युंकि उसे छुट्टी नहीं मिली।
मामला मध्य प्रदेश के बैतूल में छतरपुर का है जहाँ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे के बाद हलचल मच गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की छोटी मानसिकता के कारण उन्हें परेशान किया जा रहा है. हमारी धार्मिक भावनाओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है. उनके कार्यक्रम को कोई ताकत नहीं रोक सकती है. हम शांत नहीं बैठेंगे.
दरअसल, 25 जून को छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के बैतूल के आमला में मकान का उद्घाटन होना है. इसके साथ ही गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन का आयोजन है. इसमें निशा को शामिल होने की अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
इस्तीफा देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे मकान का उद्घाटन हो रहा है. इसमें भगवान बौद्ध की अस्थियां आ रही हैं, जिनके दर्शन करना है. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी थी, जो नहीं मिली. इससे आहत होकर मैंने इस्तीफा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे रोका जा रहा है. प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी है. हमें परेशान किया जा रहा है. पद और पावर का दुरुपयोग करके हमारी धार्मिक भावनाओं के साथ और परिवार के साथ जो अत्याचार किया गया है, उसको हम बर्दाश्त नहीं करेंगे”.