देहरादून: सांप-नेवल के मिलन की बातें सामने आने के बाद से ही भाजपा में हलचल मची हुई है। हदक और हदरा की नदीकियों के बीच अटकलें लगाई जा रही हैं कि हरक सिंह रावत कांग्रेस ज्वाइन करने वाले हैं। इसको लेकर उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर सीएम और प्रदेश अध्यक्ष तक बात कर चुके हैं। हरक खुद भी कह चुके हैं कि अगर उनको जाना होगा तो बता कर जाएंगे। लेकिन, उन पर अब भाजपा नेता भी इशारों में निशाना साधने लगे हैं। हरक को लेकर अब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र का भी बयान सामने आया है।
कांग्रेस से 2016 में भाजपा में आए हरक समेत 9 नेताओं को लेकर माहौल कर्म है। कांग्रेस के इन बागियों से अब भाजपा को भी डर लगने लगा है। भाजपा भी अब हरक को बागी कहने लगी है। हरक और त्रिवेंद्र के बीच तल्खी पुरानी है और दोनों नेता खुलकर भी एक-दूसरे पर हमला करते आए हैं। त्रिवेंद्र रावत का एक बयान सामने आया है, जिसमें वो इशारों में हरक सिंह रावत को सूखा पत्ता करार दे रहरे हैं।
हरक सिंह रावत के बयानबाजी के बीच त्रिवेंद्र रावत ने बागियों पर पलटवार करते हुए हरक पर भी हमला किया और कहा कि हल्के-फुल्के सूखे पत्ते चुनावी बयार में इधर-उधर उड़ते रहते हैं। सरकार को दबाव में नहीं आना चाहिए। हरक के एक बार फिर कांग्रेस में जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा तो त्रिवेंद्र रावत ने भी आग में घी डालने से पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि पार्टी को दबाव में नहीं आना चाहिए। अब त्रिवेंद्र रावत ने सूखे पत्ते किसे करार दिया है ये वो ही जाने लेकिन समझने वाले समझ गए।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के इस बयान पर हरक सिंह रावत ने पलटवार किया। हरक ने कहा कि कुछ लोग भाग्य की खाते हैं। कुछ लोग मेहनत की। हमने ज्यादा खोदा और हमें पानी कम मिला। कुछ लेागों ने कम खुदान किया और उनको पानी ज्यादा मिल गया। उन्होंने कहा त्रिवेंद्र रावत 2002 में विधायक बने और तीसरी बार में सीएम बन गए। हरक ने इस तरह से सीएम नहीं बन पाने का दर्द भी बयां कर दिया।